भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाजी कोच संजय बांगर (Sanjay Bangar) ने खुलासा किया कि विकेटकीपर-बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को आईसीसी विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ नंबर-7 पर भेजने का फैसला सिर्फ उनका नहीं था. दो दिनों तक खेले जाने वाले सेमीफाइनल मैच में भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ एक करीबी मुकाबले में 18 रनों से हार झेलनी पड़ी थी. ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने 77 और धोनी ने 50 रनों की पारी खेली थी.
सभी ने धोनी को नंबर-7 पर बल्लेबाजी के लिए भेजने के टीम प्रबंधन के फैसले पर सवाल उठाए थे. हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए साक्षात्कार में बांगर ने कहा, "मुझे आश्चर्य होता है कि लोग इस मामले में मेरी तरफ देखते हैं. यह अकेला मेरा निर्णय नहीं था. विश्वास कीजिए हमने सारी स्थितियों का जायजा लिया और उसके बाद यह निर्णय हुआ."
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बांगर ने कहा, "हमने यह भी निर्णय किया था पांच, छह और सातवें नंबर बल्लेबाजी क्रम को लचीला रखा जाए. सभी खिलाड़ी निजी रूप से इससे अवगत थे. विराट कोहली ने भी सेमीफाइल के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि अफगानिस्तान के साथ मैच के बाद यह तय किया गया था कि धौनी निचले क्रम में खेल सकते हैं. ऐसा इसलिए कि वह 35 ओवरों के बाद मैच को संभाल सकते हैं. इसलिए उन्हें सेमीफाइनल में छठे नंबर पर भेजा गया.
उन्होंने कहा, "दिनेश कार्तिक को प्रोमोट करके पांचवें नंबर पर भेजा गया. लेकिन विकेटों के पतन के बाद धौनी पर फिनिशर की जिम्मेदारी आ गई. रवि शास्त्री ने भी यह कहा कि धौनी को नीचे भेजने का निर्णय टीम का था. इसलिए उन्हें सातवें नंबर पर भेजा गया."
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भारत के टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद मुख्य कोच शास्त्री ने भी कहा था कि धोनी को नंबर-7 पर भेजने का निर्णय टीम का था. शास्त्री ने कहा था, "यह टीम का फैसला था. हर कोई इसके साथ था और यह एक सरल निर्णय भी था. आखिरी चीज जो आप चाहते थे वो यह कि धोनी जल्दी बल्लेबाजी करने आए और आउट हो जाएं और हम लक्ष्य का पीछा करते हुए पीछे छूट जाएं." उन्होंने कहा था, "हमें बाद में उनके अनुभव की जरूरत थी. वह हर समय के सबसे बड़ा फिनिशर हैं और उस तरह से उनका उपयोग करना बहुत बुरा होता. इस मुद्दे पर पूरी टीम स्पष्ट थी."