नई दिल्ली, 26 दिसंबर: दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान फाफ डू प्लेसिस ने दक्षिण अफ्रीकी परिस्थितियों में भारतीय बल्लेबाजों के सामने आने वाली चुनौती पर प्रकाश डाला. भारत को अभी तक दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज़ जीत हासिल नहीं हुई है. हालांकि, रोहित शर्मा के नेतृत्व में आगामी सीरीज़ एक ऐतिहासिक उपलब्धि का वादा करती है. यह भी पढ़ें: IND vs SA: 'दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलना टेस्ट क्रिकेट का अपमान', आकाश चोपड़ा का बड़ा बयान
फाफ ने भारत के ऐतिहासिक संघर्षों के लिए दक्षिण अफ्रीकी पिचों द्वारा प्रदान की जाने वाली विशिष्ट उछाल को जिम्मेदार ठहराया, जो कि उपमहाद्वीप की स्थितियों से काफी अलग है। उन्होंने बताया कि यहां कि पिच पर अतिरिक्त उछाल होगी जबकि घरेलू धरती पर भारतीय बल्लेबाजों को इसकी आदत नहीं है, जो उनके लिए जोखिम पैदा कर सकती है.
फाफ ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "यहां कि पिच पर उछाल है. भारत में आमतौर पर जो उछाल मिलती है उसकी तुलना में यहां अधिक उछाल है. वे गेंद को ऊपर से मारने के आदी हैं, लेकिन उछाल और मूवमेंट के साथ खेलने में जोखिम है यदि आपने इसे पहले नहीं किया है और लिफ्ट के आदी नहीं हैं. दक्षिण अफ्रीका में अच्छा प्रदर्शन करने की कुंजी अच्छी तरह से गेंद को छोड़ना और लंबे समय तक विकेट पर टिके रहना है."
फाफ ने इन सतहों पर गेंद को अच्छी तरह से छोड़ने की कला में महारत हासिल करने के महत्व को रेखांकित किया. धैर्य और अनुकूलनशीलता की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने 2018 श्रृंखला को याद किया जहां भारत गेंद को चतुराई से छोड़कर एक सफल जीत के करीब आ गया था.
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ने बताया, "मुझे 2018 की श्रृंखला याद है. उन्होंने तब गेंद को वास्तव में अच्छी तरह से छोड़ा था और यह दक्षिण अफ्रीका में एक सफल टेस्ट टीम बनने की कुंजी है. आपको धैर्य रखना होगा और हर समय परिस्थितियों का सम्मान करना होगा. आपको एक अच्छी योजना बनाने की जरूरत है कि आप अतिरिक्त उछाल वाली शॉर्ट गेंदों को कैसे खेलते हैं और उन्हें कितनी अच्छी तरह छोड़ते हैं.''