नई दिल्ली, 1 जनवरी : जसप्रीत बुमराह (Jaspreet Bumrah) आस्ट्रेलिया के साथ बाकी बचे दो टेस्ट मैचों (Test matches) में खेलने वाले उस गेंदबाजी आक्रमण के इकलौते गेंदबाज होंगे जिसने 2018-19 में आस्ट्रेलियाई दौरे पर भारतीय टीम को अहम जीत दिलाई थी. उन्होंने अभी तक 16 टेस्ट मैच खेले हैं और अब वह टीम में सबसे सीनियर गेंदबाज हैं. बुमराह की वापसी अभी तक अच्छी रही है. वह दो टेस्ट मैचों में आठ विकेट लेने में सफल रहे हैं. मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने चार विकेट ले आस्ट्रेलिया को जल्दी ढेर करने में अहम भूमिका निभाई.
भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अतुल वासन ने कहा, "वह परिपक्वता दिखा रहे हैं. वह सोचने वाले गेंदबाज हैं और सीमाओं के बाद भी उन्होंने सभी प्रारूपों में अच्छा किया है. उन्होंने काबिलियत दिखाई है, जो शानदार है. मुझे लगा था कि वह चोटिल हो जाएंगे लेकिन वह काफी मजबूत हैं." बुमराह इतने प्रभावी हैं इसका एक कारण उनका छोटा रनअप है जो उनकी ऊर्जा को बचाता है. उनकी सफलता का एक कारण उनकी सटीकता भी है. उन्होंने पदार्पण करने वाले मोहम्मद सिराज से सटीकता को लेकर टिप्स भी शेयर किए थे. यह भी पढ़ें : रोहित ने एमसीजी में पहले अभ्यास सत्र के साथ सिडनी टेस्ट की तैयारी शुरु की
मोहम्मद शमी (Mohammad shami) पहले ही सीरीज से बाहर हैं और गुरुवार को यह भी साफ हो गया कि उमेश यादव भी सीरीज से बाहर हो चुके हैं. इसके बाद भारत को रिजर्व गेंदबाजों के भरोसे रहना होगा. ईशांत शर्मा (Ishant Sharma) तो चोट के कारण आस्ट्रेलिया नहीं आए हैं. भारतीय रिजर्व गेंदबाजों के पास कुल मिलकर दो टेस्ट मैचों का अनुभव है. सिराज ने एक टेस्ट मैच खेला है और शार्दूल ठाकुर ने भी एक ही टेस्ट मैच खेला है. रिजर्व में मौजूद बाकी गेंदबाज- टी.नटराजन, कार्तिक त्यागी ने अभी तक टेस्ट नहीं खेले हैं.
आखिरी के दो टेस्ट सिडनी और ब्रिस्बेन में हैं. ऐसे में यह दोनों टेस्ट बुमराह के दिमाग, परिपक्वता और शरीर की परीक्षा भी ले सकते हैं. बुमराह को पिछले साल दक्षिण अफ्रीका सीरीज से पहले पीठ के निचले हिस्से में चोट लग गई थी. वह इस सीरीज में नहीं खेले थे और इसके बाद बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में भी नहीं खेले थे. दूसरे टेस्ट मैच में दूसरी पारी में उमेश के चोटिल होने के बाद बुमराह का बोझ बढ़ गया था. यह साफ तौर पर दिखा था. दूसरे टेस्ट के चौथे दिन जब बुमराह कुछ देर के लिए बाहर गए तो इसने अटकलों को जन्म दे दिया. वह हालांकि वापस आए और गेंदबाजी की. यह भी पढ़ें : Ind vs Aus, 3rd Test: तय कार्यक्रम के मुताबिक खेला जायेगा तीसरा टेस्ट, मगर दोनों टीम 1 सप्ताह यहां बिताएंगे समय
वासन ने कहा कि राउंड दा विकेट गेंदबाजी करने से गेंदबाज पर दबाव पड़ता है. बुमराह हालांकि बांए हाथ के तेज गेंदबाज के सामने ही राउंड दा विकेट आते हैं. उन्होंने कहा, "इससे हर गेंदबाज को थोड़ा बहुत फर्क पड़ता है क्योंकि आपको गेंद को ज्यादा मूव कराना होता है (बाएं हाथ के तेज गेंदबाज के लिए). उन्हें तुरंत मुड़ना होता है और फॉलोथ्रो के दौरान डेंजर एरिया में जाने से बचना होता है. आपको अपने फॉलो थ्रो को भी बदलना होता है. आपके शरीर का वजन आपको बाईं तरफ ले जाता है, लेकिन आप बाईं तरफ नहीं जा सकते नहीं तो आपको चेतावनी मिल जाएगी." अगले दो मैचों में यह देखना होगा कि रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा के अलावा बाकी के गेंदबाज किस तरह से बुमराह के ऊपर से बोझ कम करते हैं.