एंटिगा : भारतीय टेस्ट उपकप्तान अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने कहा है कि शतक से चूकने पर वह चिंतित नहीं है क्योंकि वह टीम के लिए खेलते हैं ना की खुद के लिए. रहाणे ने यहां सर विवियन रिचर्डस स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के पहले दिन गुरुवार को 81 रन की पारी खेलकर भारते को संकट से बाहर निकाला.
रहाणे उस समय बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर आए थे जब भारत आठवें ओवर में 25 रन तक अपने तीन विकेट गंवाकर संघर्ष करता नजर आ रहा था. क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, रहाणे ने पहले तो लोकेश राहुल के साथ चौथे विकेट के लिए 68 और फिर हनुमा विहारी के साथ पांचवें विकेट के लिए 82 रन की साझेदारी कर भारत को छह विकेट पर 203 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.
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रहाणे ने पहले दिन की खेल समाप्ति के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, "पारी की शुरूआत में विकेट थोड़ा मुश्किल था. पूरे दिन उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की. ऐसे में राहुल के साथ साझेदारी बहुत जरूरी थी. हम बहुत आगे की नहीं सोच रहे थे. हमारा लक्ष्य सिर्फ एक गेंद के बारे में सोचकर खेलना था."
उपकप्तान ने 163 गेंदों पर 10 चौके लगाए. हालांकि वह अपना शतक पूरा नहीं कर पाए. उन्होंने अपना आखिरी शतक श्रीलंका के खिलाफ 2017 में बनाया था. रहाणे ने कहा, "जब तक मैं क्रीज पर होता हूं तब तक सिर्फ टीम के बारे में सोचता हूं. मैं सिर्फ टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था और शतक के बारे में नहीं सोच रहा था क्योंकि मैं स्वार्थी नहीं हूं.
मैं शतक से चूकने के बारे में बिल्कुल भी चिंतित नहीं हूं. मुझे शतक से चूकने का कोई दुख नहीं है क्योंकि मुझे लगता है कि इस विकेट पर 81 रनों की पारी भी काफी थी. अब हम अच्छी स्थिति में हैं." रहाणे ने कुछ महीने इंग्लिश काउंटी में हैम्पशायर के लिए क्रिकेट खेला है. हालांकि उन्होंने कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि काउंटी में खेलने का उन्हें फायदा मिला है.
31 वर्षीय बल्लेबाज ने कहा, काउंटी के लिए खेलना महत्वपूर्ण होता है. जब मेरा चयन विश्व कप की टीम के लिए नहीं हुआ था तब मैंने काउंटी के लिए खेलने का फैसला किया. मैं उन दो महीनों को इस्तेमाल करना चाहता था और इस दौरान मैंने सात काउंटी मैच खेले. मैं अपनी बल्लेबाजी के कुछ क्षेत्रों पर काम करना चाहता था.