बाबर-रिजवान की दोहरी शतकीय साझेदारी से पाकिस्तान ने इंग्लैंड को 10 विकेट से पीटा
पाकिस्तान (Photo Credits: Twitter)

कराची, 23 सितम्बर : कप्तान बाबर आजम (नाबाद 110) और मोहम्मद रिजवान (नाबाद 88) के बीच ओपनिंग में दोहरी शतकीय साझेदारी की बदौलत पाकिस्तान ने दूसरे टी20 मैच में इंग्लैंड को 10 विकेट से मात देकर सात मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली. इंग्लैंड ने 20 ओवर में पांच विकेट पर 199 रन का मजबूत स्कोर बनाया जबकि पाकिस्तान ने 19.3 ओवर में बिना कोई विकेट खोये 203 रन बनाकर जीत अपने नाम की. बाबर आजम को उनके शानदार शतक के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला. कराची के नेशनल स्टेडियम के अंदर हो रहे शोर को आप गगनभेदी ही कह सकते हैं. बाबर आजम ने डेविड विली को एक्स्ट्रा कवर के क्षेत्र में चौके के लिए मारा और फिर जश्न में उछल कर उन्होंने अपना हाथ हवा में फेरा. मोहम्मद रिजवान ने पहले अपने दोनों हाथ ऊपर किए. फिर अपना हेलमेट उतारा और आसमान की तरफ देखा. फिर अपने जोड़ीदार और कप्तान के पास गए और उनसे गले मिले.

बाबर और रिजवान ने उस पल में टी20 इतिहास में सबसे बड़ी 10-विकेट की जीत को अंजाम दिया था और साथ ही हर वर्ग के पुरुष टी20 क्रिकेट में दूसरी बल्लेबाजी करते हुए 200 रन की साझेदारी करने वाले पहले बल्लेबाज बने थे. उन्होंने ऐसा करने में अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ा था. हालांकि सबसे बड़ी बात थी कि हालिया समय में आलोचना और संदेह के माहौल में उन्होंने अपने समर्थकों को याद दिलाया कि दोनों जब चलते हैं, तो उनसे असरदार विश्व क्रिकेट में कोई नहीं.

पाकिस्तान टी20आई में चेज पसंद करता है, यह बात कोई रहस्य नहीं है. दिसंबर 2020 में रिजवान को पहली बार इस प्रारूप में ओपन करने को कहा गया था, और तब से पाकिस्तान ने दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए 15 मुकाबले जीते हैं और केवल तीन हारे, पहले खेलते हुए यह आंकड़े 10-10 बन जाते हैं. पारी के ब्रेक में ऐसा लग रहा था कि इंग्लैंड ने 200 का लक्ष्य रख कर अच्छा काम किया है. पाकिस्तान के तेज गेंदबाज रन लुटा रहे थे लेकिन गेंद को कई बार नीची रख रहे थे, जबकि स्पिन गेंदबाजों के लिए भी लेंथ पर गेंद फंस कर आ रही थी.

इंग्लैंड के कप्तान मोईन अली ने भी मैच के बाद माना कि वह अपने टीम के स्कोर से संतुष्ट थे. ऐसे में पाकिस्तान की रणनीति एक रोचक बात बनने वाली थी. आधुनिक टी20 के पावर हिटिंग के जमाने में पाकिस्तान का रवैय्या कुछ और ही होता है. वह अमूमन पावरप्ले में ध्यानपूर्वक रन बनाकर आखिर के ओवरों में आक्रमण की सोचते हैं. इस नीति से टीम अक्सर जीतती है लेकिन शायद जरूरत से ज्यादा सावधानी कई बार हार की वजह भी बनी है.

मोईन ने कहा, "सच पूछिए तो मुझे लगा कि मेरे ओवर की वजह से ही हम हारे. वह उस समय एक दांव था कि शायद मेरे खिलाफ बड़े शॉट लगाने की फिराक में हमें कोई विकेट मिल जाए. ऐसा हुआ नहीं और मैच पाकिस्तान के पाले में चला गया."

शायद गुरुवार को बड़े लक्ष्य का सामना करते हुए पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाजों को ज्यादा कुछ सोचे बिना आक्रमण पर उतरना पड़ा. रिजवान ने अपनी पहली चार गेंदों में से दो पर चौके जड़े, और फिर विली की गेंद पर स्लॉग स्वीप से छक्का लगाया. उन्हें 23 पर ऐलेक्स हेल्स ने पीछे दौड़ते हुए कैच छोड़कर एक जीवनदान जरूर दिया और 32 पर फिल सॉल्ट भी उन्हें आदिल रशीद की गेंद पर स्टंप आउट करने से चूके.

दोनों में बाबर ज्यादा धैर्य के साथ खेले, और रिजवान के 30 गेंदों के मुकाबले उन्हें पचासा पूरा करने में 39 गेंद लगी. बाएं हाथ के स्पिनर लियम डॉसन ने अपने चार ओवर के स्पेल में केवल 26 रन दिए और ऐसे में आठ ओवर रहते पाकिस्तान को लगभग हर गेंद में दो रनों की आवश्यकता थी. ऐसे में किसी एक गेंदबाज को टारगेट करने की जरूरत थी और बाबर ने मोईन के अगले ओवर में ठीक यही किया और एक ओवर में दो बार उन्हें डीप मिडविकेट के ऊपर गगनचुम्बी छक्कों के लिए दे मारा.

उसी ओवर की आखिरी गेंद पर रिजवान ने भी स्लॉग-स्वीप से छह रन बटोरकर ओवर पर 21 रन निकाल लिए. मोईन ने बाद में कहा, "सच पूछिए तो मुझे लगा मेरे ओवर की वजह से ही हम हारे. वह उस समय एक दांव था कि शायद मेरे खिलाफ बड़े शॉट लगाने की फिराक में हमें कोई विकेट मिल जाए. ऐसा हुआ नहीं और मैच पाकिस्तान के पाले में चला गया.

इसके बाद बाबर पूरे नियंत्रण में दिखे. उन्होंने सैम करेन को फाइन लेग की दिशा में फ्लिक किया और रशीद की गुगली को मिडविकेट को ऊपर से मारा. एक खराब एशिया कप के बाद यह बल्लेबाज अपने आलोचकों की बोलती बंद करने पर तुला था. 91 पर विली के खिलाफ मिडविकेट की तरफ हवाई शॉट को करेन रोकने के प्रयास में छह रन के लिए ही सीमा रेखा के ऊपर भेज सके. दर्शकों में "बाबर, बाबर, बाबर" का नारा गूंज उठा. कुछ देर बाद उन्होंने करेन को कवर में धकेलकर सिंगल पूरा किया और पाकिस्तान के लिए दो अंतर्राष्ट्रीय टी20 शतक बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने. रिजवान भी अपने खुशी को छुपा नहीं पाए. कराची ने लाहौर के इस चैंपियन बल्लेबाज का अभिवादन किया. यह बाबर और रिजवान के बीच पांचवीं 150 से अधिक की साझेदारी थी. इस प्रारूप में 31 बार साथ ओपन करने के बाद उन्हें रन लेने के लिए कॉल करने की भी जरूरत नहीं पड़ती.