2023 Men’s FIH Hockey World Cup: 13 जनवरी से होगा हॉकी विश्व कप के 15वां संस्करण आगाज, जानें हॉकी की ऐतिहासिक सफर से जुड़े सभी रिकॉर्डस
ऑस्ट्रेलिया ने विश्व कप में सबसे आक्रामक हॉकी भी खेली, जिसमें 92 मैचों में 307 गोल किए. नीदरलैंड और पाकिस्तान का अगला सर्वश्रेष्ठ स्कोरिंग औसत है. विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया का रक्षात्मक रिकॉर्ड भी उल्लेखनीय है। 92 मैचों में सिर्फ 107 गोल बचाए.
FIH हॉकी विश्व कप का 15वां संस्करण वर्तमान में 13 जनवरी से ओडिशा में शुरू होने वाला है, इस मेगा इवेंट में 16 देश इस ट्रॉफी के लिए एक दुसरे से टकराएगी. 2023 में पहली बार कोई देश लगातार दो विश्व कप की मेजबानी करेगा. नवम्बर में भारत क्रिकेट वर्ल्ड कप की मेजबानी करने वाली है. हालांकि भुवनेश्वर में कलिंगा हॉकी स्टेडियम 2018 की तरह एकमात्र आयोजन स्थल नहीं होगा, इस बार राउरकेला में बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम आगामी विश्व कप के लिए मेजबानी करेगा. यह भी पढ़ें: ओडिशा सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ी तैयार करने के लिए बुनियादी ढांचे का कर रहा विकास
हॉकी का इतिहास
ऐतिहासिक रूप से हॉकी ने 1908 में लंदन खेलों की पहली शुरुआत के बाद से ओलंपिक खेलों के साथ शुरू हुआ था. लेकिन हॉकी के विश्व कप का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है. इसका पहला सीजन 1971 में आयोजित किया गया था. हॉकी के इतिहास के शुरुआती वर्षों में एशियाई टीमों का दबदबा था, क्योंकि भारत और पाकिस्तान ने ओलंपिक खेलों में पहले 15 स्वर्ण पदकों में से 11 जीते थे. 1960 के दशक के अंत और 1970 के दशक की शुरुआत में इस खेल ने यूरोपीय देशों के बीच वैश्विक लोकप्रियता हासिल करना शुरू कर दिया था. कृत्रिम घास की सतहों की शुरूआत ने हॉकी की वैश्विक गतिशीलता को और बदल दिया. मार्च 1969 में, भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त रूप से हॉकी विश्व कप की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखा. पाकिस्तान ने फाइनल में स्पेन को 1-0 से हराकर अपनी पहली जीत दर्ज की. 1971 में पहले विश्व कप के बाद से अब तक कुल 14 टूर्नामेंट आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें कई रिकॉर्ड बने और टूटे हैं.
अधिकांश खिताब/पदक किसके नाम
हॉकी का पहला चैंपियन पाकिस्तान ने पुरुषों की श्रेणी में सर्वाधिक 4 स्वर्ण पदक जीते. पुरुषों के विश्व कप के पहले 8 संस्करणों में पाकिस्तान ने 4 स्वर्ण और 2 रजत पदक जीते. ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड 3 स्वर्ण के साथ दूसरे स्थान पर हैं। ऑस्ट्रेलिया ने विश्व कप में कुल 10 पदक जीते हैं, जो किसी भी देश से सबसे अधिक हैं, ऑस्ट्रेलिया के नाम 3 गोल्ड, 2 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज हैं. जर्मनी ने 2 स्वर्ण पदक जीते, जिनमें से अंतिम 2006 में था. भारत और बेल्जियम दोनों ने FIH हॉकी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीते। 1975 में भारत जीता, दूसरी ओर, बेल्जियम मौजूदा विश्व और ओलंपिक चैंपियन है.
जीत का सबसे हाई रेट
पुरुषों के वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा जीत ऑस्ट्रेलिया की है। उसने 92 में से 69 मैच जीते हैं. ऑस्ट्रेलिया के बाद जर्मनी है। उन्होंने विश्व कप में 47 मैच खेले। इनमें से 29 में उन्हें जीत मिली है. नीदरलैंड भी पीछे नहीं है क्योंकि उसने 100 मैच खेले हैं और उनमें से 61 जीते हैं. विश्व कप के इतिहास में पाकिस्तान सबसे सफल देश है। उन्होंने विश्व कप में 89 मैच खेले और उनमें से 51 जीते।
सर्वाधिक मैच खेलने वाला देश
नीदरलैंड ने विश्व कप में सबसे ज्यादा मैच खेले हैं. उन्होंने 2018 विश्व कप फाइनल में 100 मैच पूरे किए. भारत ने इससे पहले 95 मैच खेले हैं. फिर स्पेन (94 मैच), इंग्लैंड (94 मैच) और ऑस्ट्रेलिया (92 मैच) खेले है.
किसने सबसे ज्यादा गोल की और बचाया
ऑस्ट्रेलिया ने विश्व कप में सबसे आक्रामक हॉकी भी खेली, जिसमें 92 मैचों में 307 गोल किए. नीदरलैंड और पाकिस्तान का अगला सर्वश्रेष्ठ स्कोरिंग औसत है. विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया का रक्षात्मक रिकॉर्ड भी उल्लेखनीय है। 92 मैचों में सिर्फ 107 गोल बचाए.
विश्व कप में बतौर टीम सबसे ज्यादा मैच किस टीम ने खेला
भारत, नीदरलैंड और स्पेन ने अब तक 14 टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है। तीनों टीमें आगामी विश्व कप में भाग लेंगी. नतीजतन, वे लगातार 15 कार्यक्रमों में भाग लेंगे. अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और पाकिस्तान ने अब तक 13 टूर्नामेंट में भाग लिया है. केवल पाकिस्तान ने 2023 के आयोजन में भाग नहीं लिया. पुरुषों के विश्व कप के 14 संस्करणों में अब तक 26 देशों ने भाग लिया है. चिली और वेल्स भुवनेश्वर-राउरकेला में अपना एफआईएच ओडिशा हॉकी पुरुष विश्व कप 2023 में पदार्पण करते हुए 28वां नंबर बना लेंगे.