इस देश की सलाखों में नहीं हैं एक भी कैदी, बंद होने की कगार पर हैं यहां की अधिकांश जेलें
नीदरलैंड की खाली पड़ी जेलों को देखने के बाद अब उन्हें बंद करने का फैसला किया गया है, जिसके चलते इन जेलों में काम करने वाले लोगों की नौकरी खतरे में पड़ गई है. बताया जाता है कि इन जेलों में करीब 2 हजार लोग काम करते हैं.
दुनिया भर में जितनी तेजी से जनसंख्या (Population) में बढ़ोत्तरी हो रही है उतनी ही तेज रफ्तार से अपराध (Crime) भी बढ़ रहे हैं. कई देशों में क्राइम इतना बढ़ गया है कि वहां की अधिकांश जेलें कैदियों (prisoner) से भरी पड़ी हैं, लेकिन दुनिया के इन देशों में एक देश ऐसा भी है जहां मौजूद अधिकांश जेलें कैदियों (Jail) के बैगर खाली पड़ी हैं. इन जेलों में एक भी कैदी नहीं बचा है, जिसके चलते यहां की जेलों को बंद करने तक की नौबत आ गई है. हम जानते हैं आपको यह सुनकर हैरत हो रही होगी, लेकिन ये सच है. दरअसल, पश्चिमी यूरोप (Western Europe) के नीदरलैंड (Netherlands) में क्राइम दर में काफी हद तक कमी आ गई है, जिसके कारण यहां की जेलें कैदियों के बिना विरान पड़ी हैं.
नीदरलैंड की खाली पड़ी जेलों को देखने के बाद अब उन्हें बंद करने का फैसला किया गया है, जिसके चलते इन जेलों में काम करने वाले लोगों की नौकरी खतरे में पड़ गई है. बताया जाता है कि इन जेलों में करीब 2 हजार लोग काम करते हैं. दरअसल, इस देश की आबादी 1 करोड़ 71 लाख 32 हजार से भी ज्यादा है. बावजूद इसके इन जेलों में एक भी कैदी नहीं है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2013 में इस देश में सिर्फ 19 कैदी ही थे, जबकि साल 2018 में यहां कैदियों की संख्या शून्य हो गई. यहां की जेलों पर ताला लगाने के इस फैसले से यह तो साफ हो गया है कि यहां अपराध नहीं है, लेकिन इससे जेल में काम करने वाले कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. हालांकि इन जेलों में काम करने वाले कर्मचारियों में 700 लोगों को दूसरे विभाग में ट्रांसफर का नोटिस दिया गया है, जबकि अन्य 1300 कर्मचारियों के लिए नौकरी की तलाश की जा रही है. यह भी पढ़ें: जब एक साल का बच्चा, मेट्रो ट्रेन में अकेले सफर करता रहा, फिर जो हुआ ?
गौरतलब है कि इस देश में इलेक्ट्रॉनिक एंकल मोनिटरिंग सिस्टम है, जिसे कैदियों को पहनाया जाता है. इस डिवाइस को कैदियों के पैरों में पहनाया जाता है. इससे कैदी की लोकेशन ट्रेस हो जाती है. इस सिस्टम से क्राइम रेट में कमी आई है, क्योंकि यह डिवाइस कैदियों की हर हरकत पर नजर रखता है. यह एक रेडियो फ्रीक्वेंसी सिग्नल भेजता है और पुलिस को इसकी सूचना मिल जाती है.