Uttarakhand Foundation Day 2024: इस साल 25 वें वर्ष में प्रवेश करेगा उत्तराखंड! जानें इसका इतिहास, महत्व, एवं इससे जुड़े कुछ रोचक फैक्ट!

देवभूमि’ के नाम से लोकप्रिय उत्तराखंड 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर भारत का 27वां स्वतंत्र राज्य घोषित किया गया. इसकी स्थापना के समय इसका नाम ‘उत्तरांचल’ रखा गया था, लेकिन 2007 में इसका नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया.

‘देवभूमि’ के नाम से लोकप्रिय उत्तराखंड 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर भारत का 27वां स्वतंत्र राज्य घोषित किया गया. इसकी स्थापना के समय इसका नाम ‘उत्तरांचल’ रखा गया था, लेकिन 2007 में इसका नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया. चार प्रमुख तीर्थ स्थलों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कारण इसे ‘देवताओं की भूमि’ यानी ‘देव भूमि’ का नाम मिला. मंदिरों के अलावा उत्तराखंड प्राकृतिक संसाधनों ग्लेशियर, नदियां, घने जंगल, बर्फ से ढकी चोटियां भी उत्तराखंड को विशिष्ठ और दर्शनीय स्थल के रूप में रेखांकित करती है. उत्तराखंड की 24वीं वर्षगांठ पर आइये जानते हैं इसके ऐतिहासिक, महत्व, जलवायु, पर्यटन स्थल, और दिवस विशेष पर सेलिब्रेशन के बारे में..

उत्तराखंड दिवस का महत्व

उत्तराखंड का गठन 9 नवंबर 2000 को हुआ था. इस अवसर पर राज्य भर में जश्न मनाया जाता है. इसकी पहाड़ी सांस्कृतिक, परंपराओं, भाषाओं, लोक संगीत और नृत्यो में निहित है. यह दिन राज्य के विकास लक्ष्यों और इसके गठन के बाद से हुई प्रगति की याद दिलाता है. इस अवसर पर राज्य के सामने आने वाली चुनौतियों जैसे पारिस्थितिकी संरक्षण और टिकाऊ पर्यटन को संदर्भित करता है. यह दिन देवभूमि के लोगों के लिए अपने राज्यों और उसकी उपलब्धियों के प्रति और कृतज्ञता प्रकट करने का समय है. यह भी पढ़ें : Tulsi Vivah 2024: कब और कैसे करें तुलसी-विवाह? जानें इस विवाह का महत्व, शुभ मुहूर्त, मंत्र, एवं विवाह-विधि इत्यादि!

उत्तराखंड का प्राचीन इतिहास

उत्तराखंड का समृद्ध इतिहास प्रागैतिहासिक काल से चला आ रहा है: वैदिक युग के दौरान उत्तराखंड कुरु और पांचाल साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था, जो वस्तुतः मौर्य और गुप्त साम्राज्य में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र था. प्राचीन ग्रंथों में इसे क्षेत्र के केदारखंड और मानसखंड के नाम से उल्लेखित किया गया है. कुमाऊं और गढ़वाल में पाषाण युग की कुछ बस्तियों के साक्ष्य भी मिले हैं. इस क्षेत्र पर शासन करने वाले पहले ऐतिहासिक राजवंश थे. इस पर शासन करने वाले अन्य राजवंशों में चंद राजा, पौरव, कुषाण, कुणिंद, गुप्त, पाल और परमार शामिल हैं. ब्रिटिश युग में गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र पर अंग्रेजों का शासन था. आजादी के पश्चात तमाम आंदोलनों के बाद 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड को एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिला.

उत्तराखंड के कुछ रोचक फैक्ट

उत्तराखंड भारत के खूबसूरत राज्यों में एक है, जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक महत्व, प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. आइये जानें इससे जुड़े कुछ रोचक फैक्ट...

* उत्तराखंड ‘देवभूमि’ के नाम से लोकप्रिय है, क्योंकि यहां 51 शक्तिपीठों और प्रमुख तीर्थ स्थल बद्रीनाथ, केदारनाथ, राम भद्रेश्वर, और हरिद्वार इत्यादि हैं.

* उत्तराखंड के एक जिले नैनीताल में एक ऐतिहासिक झील है, जिसकी खोज साल 1841 में अंग्रेजों ने किया था. यह झील और आसपास की पहाड़ियां, भारतीय पर्यटन उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.

* उत्तराखंड स्थित नंदा देवी पर्वत राज्य का सबसे ऊंचा (7,816 मीटर) पर्वत है, साथ ही हिमालय (भारत) का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत भी है.

* अल्मोड़ा किला, जिसे साल 1560 में कुमाऊं के राजा ने बनवाया था. शहर के प्रमुख आकर्षणों में एक है.

* उत्तराखंड के दो प्रमुख क्षेत्रीय भाषाएं हैं, कुमाऊनी और गढ़वाली. इन भाषाओं की अपनी अलग-अलग सांस्कृतिक पहचान है.

* उत्तराखंड की पहाड़ियों में कुछ प्रसिद्ध ट्रैकिंग रूट्स जैसे नंदनवन ट्रैक, रोबिला पास, और बर्फीली झील पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है.

* उत्तराखंड स्थित एक जिला ऋषिकेश, जिसे ‘योग की राजधानी’ भी कहा जाता है, दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करता है.

* उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए कई परियोजनाएं चल रही हैं.

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