Sawan 2019: सावन के तीसरे सोमवार और नागपंचमी का है आज दुर्लभ संयोग, मंदिरों में लगी भक्तों की भीड़

आज नागपंचमी और सावन का तीसरा सोमवार दोनों है. यानी कि इस दिन शुक्‍ल पक्ष की पांचवीं तिथि भी है इसलिए सावन का यह तीसरा सोमवार और भी महत्‍वपूर्ण है. ये दुर्लभ संयोग दशकों बाद आया है. माना जाता है कि सोमवार और नागपंचमी एक साथ आने से सोमवार का व्रत रखना और नाग पंचमी पूजा दोनों का महत्व बढ़ जाता है. इस योग में भगवान शिव की उपासना और नागों की पूजा करने से दोनों का महत्त्व बढ़ जाता है और विशेष फल की प्राप्ति होती है.

सावन सोमवार और नाग पंचमी 2019 (Photo Credits: Instagram)

आज नागपंचमी और सावन का तीसरा सोमवार दोनों है. यानी कि इस दिन शुक्‍ल पक्ष की पांचवीं तिथि भी है इसलिए सावन का यह तीसरा सोमवार और भी महत्‍वपूर्ण है. ये दुर्लभ संयोग दशकों बाद आया है. माना जाता है कि सोमवार और नागपंचमी एक साथ आने से सोमवार का व्रत रखना और नाग पंचमी पूजा दोनों का महत्व बढ़ जाता है. इस योग में भगवान शिव की उपासना और नागों की पूजा करने से दोनों का महत्त्व बढ़ जाता है और विशेष फल की प्राप्ति होती है. अगर आप भी इस सावन में बाकी सोमवार को पूजा करने से चूक गए हों तो इस तीसरे सोमवार को शिव की विशेष कृपा प्राप्‍त कर सकते हैं. आज के विशेष दिन पर भारत के सभी शिव मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ आई है. इस दिन सुबह-सवेरे स्‍नान करके भोलेनाथ के मंदिर जाएं. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती और नंदी पर गंगाजल अर्पित करें, उसके बाद शिवलिंग पर चंदन, बेलपत्र, धतूरा और अक्षत अर्पित करें. शिवजी को नाग अत्‍यंत प्रिय है, अगर किसी की कुंडली में काल सर्प दोष है तो वह भगवान शंकर का दूध से रुद्राभिषेक कर राहू का जाप करें.

नागपंचमी के अवसर पर मुरादाबाद 'सावन' माह के तीसरे सोमवार को कामेश्वर नाथ महादेव मंदिर में आज भक्तों ने पूजा-अर्चना की. यहां मंदिर में भक्तों की उमड़ी हुई है.

वहीं प्रयागराज के नाग वासुकी मंदिर में नाग देवता की पूजा के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. आज नाग पंचमी और सावन के तीसरे सोमवार के दुर्लभ संयोग पर शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है.

नाग पंचमी एक ऐसा पर्व है जिसमें सांप या नाग (Snake) को देवता मानकर उनकी पूजा की जाती है. इस दिन लोग दिन भर व्रत करते हैं और विधि-विधान से पूजा करते हैं. इस दिन लोग नागों को दूध पिलाते हैं, इसके अलावा इस दिन कालसर्प दोष निवारण और पितृदोष निवारण के लिए उपाय भी किए जाते हैं. नाग पंचमी के व्रत को शुभ और बहुत फलदायी माना जाता है.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.

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