वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat), जिसे 'सावित्री ब्रत' (Savitri Brata) के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा त्योहार है जो पूरे देश में विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाता है. वट सावित्री का व्रत हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. वट सावित्री को दो अवसरों पर वट सावित्री और वट पूर्णिमा के रूप में क्षेत्र के अनुसार 15 दिनों के अंतराल के भीतर मनाया जाता है. गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में, वट सावित्री, वट पूर्णिमा या 'ज्येष्ठ' की पूर्णिमा पर मनाई जाती है. वट सावित्री के दिन, विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और कल्याण के लिए व्रत रखती हैं. वट सावित्री का देवी सावित्री की बहादुरी को याद करने के लिए भी मनाया जाता है, जिन्होंने अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लाने के लिए यमराज (मृत्यु के देवता) के साथ भी लड़ गई थीं. यह भी पढ़ें: Vat Savitri Vrat 2021: क्या है वट-वृक्ष की पूजा का महात्म्य? जानें पूजा विधि और मुहूर्त? और क्या है इस दिन चने का महत्व?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वट सावित्री का व्रत हर साल वैशाख वैद्य चतुर्दशी अमावस्या को मनाया जाता है. इस वर्ष वट सावित्री 10 जून को रखा जाएगा. महिलाएं उसी दिन परिक्रमा करेंगी. अगले दिन 11 जून शुक्रवार को पारण करेंगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, बुधवार को 1 बजकर 58 मिनट तक चतुर्दशी है. इसके बाद अमावस्या लग जाएगी. बुधवार को अमावस्या लगने के कारण वट सावित्री व्रत आज भी किया जा सकता है. हालांकि उदया तिथि में व्रत को रखना व पूजा-अर्चना करना उत्तम माना जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं एक दूसरे विशेज भेजकर शुभकामनाएं देती हैं, आप भी नीचे दिए गए ग्रीटिंग्स भेजकर अपने प्रियजनों को वट साविती की बधाई दे सकते हैं.
1- आर्शीवाद बड़ों का,
प्यार पति का,
दुआएं सबकी,
करुणा मां की,
वट सावित्री की शुभकामनाएं
2- आज मुझे आपका खास इतंजार है,
ये दिन है वट सावित्री व्रत का,
आपकी लंबी उम्र की मुझे दरकार है.
वट सावित्री की शुभकामनाएं
3- जोड़ी मेरी तेरी कभी ना टूटे,
हम-तुम कभी एक-दूजे से ना रूठें,
हम दोनों 7 जन्म साथ निभाएंगे,
हर पल की मिलकर खुशियां मनाएंगे.
वट सावित्री की शुभकामनाएं
4- रखा है व्रत मैंने,
बस एक ख्वाहिश के साथ,
लंबी हो उम्र आपकी और...
हर जन्म में मिले हमें एक-दूजे का साथ.
वट सावित्री की शुभकामनाएं
5- दिल खुशियों का आशियाना है,
इसे दिल में बसाए रखना,
पत्नी रखती है व्रत आपके लिए,
आप भी उन्हें जिंदगी भर हंसाए रखना.
वट सावित्री की शुभकामनाएं
यह व्रत उतना ही महत्व रखता है जितना करवा चौथ का व्रत. इसमें वट के वृक्ष यानी कि बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. महिलाएं वट को कलावा बांधते हुए वृक्ष की परिक्रमा करती हैं और व्रत रखती हैं. उत्तर भारत के कुछ राज्यों में विशेष रूप से ये व्रत किया जाता है. हमारी ओर से आपको वट सावित्री की शुभकामनाएं!