सूर्य ग्रहण 2019: ग्रहण काल में क्या करें, क्या न करें?
सूर्य ग्रहण, (Photo Credit- Pixabay)

26 दिसंबर 2019 को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण पड़ रहा है. सनातन धर्म में सूर्य ग्रहण को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां हैं. ज्योतिष गणना के अनुसार किसी राशि पर अच्छा तो किसी राशि पर बुरा असर दिखलाता है सूर्य ग्रहण. जहां तक वैज्ञानिक तथ्य़ों की बात करें तो माना जाता है कि सूर्य को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. जो देखना सूर्य ग्रहण का अवलोकन करना चाहता है, उसे घिसे कांच अथवा बड़े बर्तन में पानी भरकर उसमें सूर्य ग्रहण का प्रतिबिंब देखना चाहिए, इससे आंखे सुरक्षित रहती हैं. ग्रहण का प्रभाव सभी सजीव जीवों पर पड़ता है, उसमें मनुष्य, पशु, पक्षी और अन्य कीट पतंगों को भी शामिल किया जा सकता है. इस बार सूर्य ग्रहण सूतक काल में लग रहा है. ऐसे में ग्रहण के दरम्यान कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक हो जाता है. आइये जानें सूर्य ग्रहण के दरम्यान क्या करना आवश्यक होता है और किन बातों से परहेज किया जाना चाहिए.

ग्रहण काल में ऐसा करें.

* ग्रहण के दरम्यान मंत्र ग्रहण, मंत्रदीक्षा, जप, उपासना, पाठ, हवन, मानसिक जाप करना चाहिए.

* सूतक समय के बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनने के बाद ही कोई कार्य करें.

* ग्रहण के बाद ईश्वर की प्रतिमाओं की पूजा करने से पूर्व इन पर गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करें, और

तभी देवों का श्रृंगार करें.

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* सूर्य ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देव, मंत्र, गुरु मंत्र, गायत्री मंत्र आदि का जप दीपक जला कर ही करना चाहिए.

* शास्त्रों के अनुसार ग्रहण का मोक्षकाल समाप्त होने के बाद गंगा अथवा किसी पवित्र नदी में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनकर श्राद्ध व तर्पण कार्य किये जा सकते है. अमावस्या का दिन विशेष रूप से पितरों के लिए किये जाने वाले कार्यों के लिये होता है. इसलिए पितरों की शान्ति से संबन्धित कार्य भी इसके बाद किये जा सकते है.

* ग्रहण काल के दौरान अगर आप तीर्थयात्रा पर हैं तो ग्रहण समाप्त होते ही पास के किसी पवित्र नदी, सरोवर आदि में स्नान करें और गरीब अथवा ब्राह्मण को दान भी दें.

* अगर घर में खाने पीने की जो भी चीजें बच रही हैं उसमें ग्रहण से पूर्व तुलसी का पत्ता डाल दें, इससे ग्रहण का दोष मिट जाता है.

ऐसा न करें

* सूर्य ग्रहण अथवा सूतक काल के समय किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.

* सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान की मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए.

* सूर्य ग्रहण के दौरान सब्जी काटना, सीना-पिरोना नहीं करना चाहिए. इसमें लापरवाही बरतने से जन्म लेने वाले बालक में शारीरिक दोष होने की संभावना रहती है.

* ग्रहण काल में तुलसी वृ्क्ष, शमी वृ्क्ष को स्पर्श नहीं किया जाता.

* ग्रहण के समय भोजन बनाना, भोजन ग्रहण करना, शयन करना, मल-मूत्र त्याग, संभोग आदि से दूर रहना चाहिए.

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* ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, ना ही ग्रहण का दर्शन करना चाहिए.

* ग्रहणकाल में सूतक के नियमों के अनुसार गर्भवती महिलाओं, रोगी, बच्चों और वृद्धों को सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए.

* गर्भवती महिलाओं को इस दौरान सोने से बचना चाहिए. वरना गर्भ में पल रहे बच्चे के शेप पर असर पड़ सकता है.

* सूर्य ग्रहण के 12 घण्टे से पूर्व ही सूतक लगने के कारण मंदिरों के कपाट बंद कर दिये जाते हैं. ऐसे में पूजा, उपासना या देव दर्शन नहीं करना चाहिए.