पर्यूषण पर्व का आगाज गुरुवार से, 8 दिनों तक चलेगा यह पर्व

जैन धर्म में सबसे पवित्र पर्व में माना जाने वाला पर्यूषण पर्व 6 सितंबर से शुरु होने जा रहा है. जो 13 सितंबर तक चलेगा. यह पर्व आध्‍यात्मिक अनुष्‍ठानों के माध्‍यम से आत्‍मा की शुद्धि का पर्व माना जाता है. इसका मुख्‍य उद्देश्‍य आत्‍मा के विकारों को दूर करने का होता है.

पर्युषण पर्व के दौरान जमा हुए लोग (Photo Credits Wikipedia)

नई दिल्ली: जैन धर्म में श्‍वेतांबर पंथ को मानने वाले लोगों के पर्वों में पर्यूषण पर्व सबसे पवित्र पर्व माना जाता है. इस पवित्र दिन की शुरुआत 6 सितंबर यानी गुरुवार से शुरु होने जा रहा है. जो 13 सितंबर तक चलेगा. यह पर्व आध्‍यात्मिक अनुष्‍ठानों के माध्‍यम से आत्‍मा की शुद्धि का पर्व माना जाता है. इसका मुख्‍य उद्देश्‍य आत्‍मा के विकारों को दूर करने का होता है. इन 8 दिनों तक चलने वाले पर्व के दौरान रोज सुबह प्रार्थना,स्वाध्याय, प्रवचन, सायंकालीन प्रतिक्रमण पौषध, संवर के अलावा धर्म-ध्यान, तप-त्याग समेत कई कार्यक्रम आयोजित होंगे.

इस पवित्र पर्व  के दौरान लोग ज्यादा से ज्यादा धर्म-ध्यान, त्याग-तपस्या अपने कर्मों की निर्जरा करतें है. जिसके बाद उनके कर्म कटता है.  इसका मुख्‍य उद्देश्‍य आत्‍मा के विकारों को दूर करने का होता है.

इस पर्व  का उद्देश

इस पर्यूषण पर्व को मनाने का मूल उद्देश्य आत्मा को शुद्ध बनाने के लिए आवश्यक उपक्रमों पर ध्यान केंद्रित करना होता है. इस दौरान लोग पूजा, अर्चना, आरती, समागम, त्याग, तपस्या, उपवास में अधिक से अधिक समय व्यतीत करतें है. और दैनिक व्यावसायिक तथा सावद्य क्रियाओं से दूर रहने का प्रयास करतें हैं. इस दौरान लोगों को संयम और विवेक का प्रयोग करने का अभ्यास सिखाया जाता है.

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