Indira Gandhi Jayanti 2022 Quotes: इंदिरा गांधी की जयंती पर उनके ये महान विचार HD Wallpapers और Images के जरिए भेजकर करें उन्हें याद
19 नवंबर, 1917 को एक प्रतिष्ठित परिवार में जन्मी श्रीमती इंदिरा गांधी पंडित जवाहर लाल नेहरू की बेटी थीं. उन्होंने इकोले नोवेल, बेक्स (स्विट्जरलैंड), इकोले इंटरनेशनेल, जिनेवा, पुपिल्स ओन स्कूल, पूना और बॉम्बे, बैडमिंटन स्कूल, ब्रिस्टल, विश्व भारती, शांतिनिकेतन और सोमरविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड जैसे प्रमुख संस्थानों में अध्ययन किया...
Indira Gandhi Jayanti 2022 Quotes: 19 नवंबर, 1917 को एक प्रतिष्ठित परिवार में जन्मी श्रीमती इंदिरा गांधी पंडित जवाहर लाल नेहरू की बेटी थीं. उन्होंने इकोले नोवेल, बेक्स (स्विट्जरलैंड), इकोले इंटरनेशनेल, जिनेवा, पुपिल्स ओन स्कूल, पूना और बॉम्बे, बैडमिंटन स्कूल, ब्रिस्टल, विश्व भारती, शांतिनिकेतन और सोमरविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड जैसे प्रमुख संस्थानों में अध्ययन किया. उन्हें विश्व स्तर पर कई विश्वविद्यालयों द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था. एक प्रभावशाली शैक्षणिक पृष्ठभूमि के साथ उन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय से प्रशस्ति पत्र भी मिला. श्रीमती इंदिरा गांधी स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से शामिल थीं.
बचपन में, उन्होंने असहयोग आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी की मदद करने के लिए 'बाल चरखा संघ' और 1930 में बच्चों की 'वानर सेना' की स्थापना की. उन्हें सितंबर 1942 में कैद कर लिया गया था और गांधी के मार्गदर्शन में 1947 में दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में काम किया.
उन्होंने 26 मार्च, 1942 को फिरोज गांधी से शादी की और उनके दो बेटे हुए. श्रीमती गांधी 1955 में कांग्रेस कार्य समिति और पार्टी के केंद्रीय चुनाव की सदस्य बनीं. 1958 में उन्हें कांग्रेस के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया. वह एआईसीसी की राष्ट्रीय एकता परिषद की अध्यक्ष थीं और अखिल भारतीय युवा कांग्रेस, 1956 और महिला विभाग एआईसीसी और 1959 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं और 1960 से 1978 जनवरी तक सेवा की. आज इंदिरा गांधी की जयंती मनाई जा रही है, इस दिन को मनाने के लिए हम ले आए हैं उनके द्वारा खाए गए महान विचार जिन्हें भेजकर आप उन्हें याद कर सकते हैं.
1. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत में ताकत का प्रतीक एक महिला है- इंदिरा गांधी
2. शहादत कुछ ख़त्म नहीं करती, वो महज़ शुरआत है- इंदिरा गांधी
3. क्षमा वीरों का गुण है- इंदिरा गांधी
4. कभी भी किसी दीवार को तब तक ना गिराओ, जब तक कि आपको ये पता ना हो कि यह किस काम के लिए खड़ी की गई थी- इंदिरा गांधी
5. संतोष प्राप्ति में नहीं, बल्कि प्रयास में होता है.
पूरा प्रयास पूर्ण विजय है- इंदिरा गांधी
6. जो अपने देश की सेवा करते हैं, उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं है.
श्रीमती इंदिरा गांधी अगस्त 1964 में राज्यसभा की सदस्य भी बनीं और फरवरी 1967 तक सेवा की. वह चौथे, पांचवें और छठे सत्र के दौरान लोकसभा की सदस्य रहीं. वह जनवरी 1980 में रायबरेली (यू.पी.) और मेडक (आंध्र प्रदेश) से सातवीं लोक सभा के लिए चुनी गईं. उन्होंने मेडक सीट बरकरार रखने का फैसला किया और रायबरेली सीट छोड़ दी. उन्हें 1967-77 में और फिर जनवरी 1980 में कांग्रेस संसदीय दल के नेता के रूप में चुना गया था.