Baal Aadhaar: पासपोर्ट से लेकर स्कूल एडमिशन तक हर जगह लगता है बच्चों का आधार कार्ड, जानें कैसे बनवा सकते हैं बाल आधार

सरकार के दूरदर्शी सोच को परिभाषित करता ‘आधार’ आज के समय में नागरिकों की मूलभूत दस्तावेज में से एक बन गया है. आधार की परिकल्पना के साथ ही केंद्र सरकार ने आने वाले दिनों में इसकी व्यापक उपयोगिता की बात कही थी. आधार की उपयोगिता का प्रमाण इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी पहुंच आज के समय में 94 प्रतिशत से अधिक हो गई है.

आधार कार्ड (Photo: Facebook)

सरकार के दूरदर्शी सोच को परिभाषित करता ‘आधार’ आज के समय में नागरिकों की मूलभूत दस्तावेज में से एक बन गया है. आधार की परिकल्पना के साथ ही केंद्र सरकार ने आने वाले दिनों में इसकी व्यापक उपयोगिता की बात कही थी. आधार की उपयोगिता का प्रमाण इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी पहुंच आज के समय में 94 प्रतिशत से अधिक हो गई है. इसी क्रम में आधार के संरक्षक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक नया कीर्तिमान रचा है. UIDAI ने बताया कि पिछले चार महीने यानि अप्रैल से जुलाई महीने के दौरान पांच साल से कम उम्र के 79 लाख से अधिक बच्चों ने आधार के लिए पंजीकरण किया है.

चार महीने में 79 लाख पंजीकरण

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने बाल आधार पहल के तहत 0 से 5 आयु समूह के 79 लाख बच्चों का पंजीरकण किया है. यह 0 से 5 आयु समूह के अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंचने तथा माता-पिता और बच्चों को विभिन्न प्रकार के फायदों का लाभ उठाने में सहायता करने के लिए एक नए प्रयास का हिस्सा है. जहां 31 मार्च, 2022 के अंत तक 0 से 5 आयु समूह के 2.64 करोड़ बच्चों को बाल आधार प्राप्त हो चुका था, जुलाई 2022 के अंत तक यह संख्या बढ़ कर 3.43 करोड़ तक पहुंच गई है. UIDAI मुताबिक यह रिकॉर्ड पंजीकरण पांच साल तक के बच्चों का बाल आधार बनवाने और अभिभावकों व बच्चों को कई लाभ प्राप्त करने में मदद की नई पहल के तहत हुआ है.

बाल आधार क्या है

0 से 5 आयु समूह के बच्चों को बाल आधार जारी किया जाता है. वैसे तो सामान्य आधार जारी करने में बायोमीट्रिक (उंगली का निशान एवं आंख की पुतली) का संग्रह एक प्रमुख विशेषता है क्योंकि इन बॉयोमेट्रिक्स के डी-डुप्लीकेशन के आधार पर पहचान स्थापित करने के लिए इसकी आवश्यकता होती है. लेकिन 0 से 5 आयु समूह के बच्चों के आधार नामांकन के लिए इन बायोमेट्रिक को एकत्र करने की आवश्यकता नहीं होती है. 0 से 5 आयु समूह के बच्चों का आधार नामांकन बच्चे की चेहरे और माता पिता/अभिभावक के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के आधार पर किया जाता है.

नीले रंग में जारी किया जाता है आधार

बच्चों के लिए जारी बाल आधार को सामान्य आधार से अलग करने के लिए अलग रंग में जारी किया जाता है. UIDAI ने बाल आधार के लिए नीला रंग निर्धारित किया है. सामान्य आधार से अलग यह आधार तब तक वैध है जब तक बच्चा पांच वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेता. हालांकि पांच वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने के बाद, बच्चे को अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट प्रक्रिया को पूरी करने के लिए एक आधार सेवा केंद्र में अपना बायोमेट्रिक प्रस्तुत करना आवश्यक होता है. इस प्रक्रिया के पूरी होने के बाद आधार संख्या में बिना किसी बदलाव के सामान्य आधार जारी किया जाता है.

क्यों पड़ी जरूरत

बाल आधार कई प्रकार के कल्याणकारी लाभों का फायदा उठाने में सुगमकर्ता का काम करता है तथा जन्म से ही बच्चों के लिए एक डिजिटल फोटो पहचान के रूप में भी काम करता है. सरकार की योजनाओं का प्रमाणिक लाभ देने के उद्देश्य से यह पहल शुरू की गई है. UIDAI निरंतर बाल आधार पहल के तहत बच्चों को पंजीकृत करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. इसका उपयोग कई प्रकार के कार्यों में किया जाता है. अब केंद्र और राज्य की कई सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ लेने के लिए इसकी जरूरत पड़ती है. इसके साथ बैंकों में भी इसके बिना कोई काम नहीं होता है.

94 प्रतिशत तक बढ़ी आधार की पहुंच

आधार अब जीवन यापन में सुगमता के साथ-साथ व्यवसाय करने में सुगमता दोनों में ही सहायता उपलब्ध कराने वाला बन गया है. इसी का परिणाम है कि वर्तमान में आधार की पहुंच लगभग 94 प्रतिशत है. वयस्कों में आधार की पहुंच तो लगभग 100 प्रतिशत है.

Share Now

\