दफ्तर में काम करने वाले अधिकांश लोग हैं इस गंभीर बीमारी से पीड़ित, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

बर्नआउट सिंड्रोम बीमारी के मुख्य कारण हैं मानसिक तनाव और शारीरिक थकान. इस बीमारी का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है जो अपने दफ्तर के काम को पूरा करने के लिए खाना-पीना और निजी जिंदगी तक को भूल जाते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

आज के इस दौर में न जाने ऐसे कितने ही लोग हैं जो करियर (Career) में आगे बढ़ने के लिए अपनी सेहत को दांव पर लगा देते हैं. अपनी सेहत (Health) को नजरअंदाज कर अधिकांश लोग नौकरी में तरक्की पाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं. लगातार काम करने के अलावा अनियंत्रित जीवनशैली उनके लिए स्वास्थ्य समस्याओं (Health Problems) का खतरा दोगुना कर देती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ऑफिस में घंटों तक बैठकर लगातार काम करने वाले ज्यादातर लोग एक लाइलाज बीमारी के शिकार हो रहे हैं. दरअसल, हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) ने इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ डिसीज की लिस्ट में एक नई बीमारी को शामिल किया है, जिसका नाम बर्नआउट सिंड्रोम (Burnout Syndrome) बताया जा रहा है.

डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार, यह बीमारी ऑफिस में काम करने वालों को अपना शिकार बना रही है, क्योंकि यह शारीरिक थकान और तनाव से संबंधित है. आखिर इस बीमारी के मुख्य कारण व लक्षण क्या हैं और इस बीमारी से किस तरह से बचाव किया जा सकता है, चलिए विस्तार से जानते हैं.

कामकाजी लोगों से जुड़ी है ये बीमारी

बर्नआउट सिंड्रोम बीमारी के मुख्य कारण हैं मानसिक तनाव और शारीरिक थकान. इस बीमारी का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है जो अपने दफ्तर के काम को पूरा करने के लिए खाना-पीना और निजी जिंदगी तक को भूल जाते हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, बर्नआउट नौकरीपेशा लोगों से जुड़ी एक लाइलाज स्वास्थ्य समस्या है. यह एक ऐसा सिंड्रोम है जो काम के अत्यधिक दबाव के चलते होता है. यह भी पढ़ें: 5 Apps जो काम के दौरान आपको ऑफिस में रखेंगे फिट

क्या हैं बर्नआउट सिंड्रोम के लक्षण

बचाव के लिए इन बातों पर करें गौर

इस बीमारी से ज्यादातर कामकाजी लोग प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन कुछ बातों पर गौर फरमा कर इससे बचा जा सकता है.

सबसे आखिरी और गौर करने वाली बात तो यह है कि इस सिंड्रोम की कोई कारगर दवा मौजूद नहीं है, इसलिए अगर शरीर में ऐसे लक्षण नजर आएं तो आपको किसी मनोरोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए. इसके अलावा इस बीमारी से बचने के लिए बताए गए सुझावों पर अमल करना चाहिए, क्योंकि अपने प्रयासों से ही आप खुद को इससे बचा सकते हैं.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स  पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

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