खाने-पीने की वस्तुओं से नहीं होता कोरोना वायरस का संक्रमण
कई लोगों को अब भी शक है कि खाने-पीने की चीजों से कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है. इस पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ आरएमएल, नई दिल्ली के डॉ. ए के वार्ष्णेय का कहना है कि खाने-पीने की किसी भी चीज से वायरस का संक्रमण नहीं होता है.
कई लोगों को अब भी शक है कि खाने-पीने की चीजों से कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है. इस पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ आरएमएल, नई दिल्ली के डॉ. ए के वार्ष्णेय का कहना है कि खाने-पीने की किसी भी चीज से वायरस का संक्रमण नहीं होता है. दुनिया में अब तक एक भी मामला ऐसा नहीं आया, जिसमें खाने-पीने की चीजों से कोई संक्रमित हुआ हो. चाहे चिकन, मटन या मछली हो या सब्जियां, जो भी खाएं, उसे अच्छी तरह पका कर खाएं. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए सुझाव देते हुए डॉ. वार्ष्णेय ने कहा कि कुछ भी अलग से खाने की जरूरत नहीं है सामान्य भोजन करें, व्यायाम करें और आयुष मंत्रालय की ओर से जो भी सलाह दी गई है जैसे हल्दी दूध पीना, संतरे, नीबूं का सेवन करना आदि शरीर को फायदा पहुंचाता है.
अलग-अलग जोन में संक्रमण का स्तर क्या है
डॉ. ए के वार्ष्णेय ने कहा कि 4 मई से देश के कई जिलों में ढील दी गई है. जहां कुछ दुकानों को खुलने की अनुमति मिली है तो कहीं अभी पाबंदी है. ये निर्णय सरकार ने लॉकडाउन में देश के शहरों में संक्रमितों की संख्या के अवलोकन के बाद लिया. जिसके बाद पूरे देश के जिलों को 3 ज़ोन में बांटा गया. जिस एरिया में 4 हफ्ते से कोई भी केस नहीं आया है वो ग्रीन जोन , जहां 14 दिन से एक भी केस नहीं आया है वो ऑरेंज जोन और जहां लगातार केस आ रहे हैं वो रेड जोन है.
उन्होंने आगे कहा कि रेड जोन में पूरा शहर हो यह जरूरी नहीं. किसी एक इलाके, गली या पॉकेट में संक्रमण की संख्या ज्यादा है और केस बढ़ रहे हैं तो वो शहर या जिला रेड जोन घोषित है. अगर रोड जोन में 14 दिन तक कोई केस नहीं आता तो वह ऑरेंज जोन में बदल सकता है और अगर ऑरेंज जोन में 4 हफ्ते तक एक भी केस नहीं आया तो वह ग्रीन में चला जाएगा. इन ज़ोन के बांटने के बाद अलग-अलग छूट दी गई है.
अपना कर्तव्य निभाएं, सोशल डिस्टेंसिंग बरते
डॉ वार्ष्णेय ने बताया कि यह वायरस किसी संक्रमित से डायरेक्ट कॉन्टैक्ट में आने पर होता है. अगर बाहर जा रहे हैं या बाजार जा रहे हैं तो अब ये आपका कर्तव्य है कि आपको सोशल डिस्टेंसिंग करना हैं, मास्क लगाकर बाहर जाएं. इससे आप खुद संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे. साथ ही दूसरों को भी समझाएं की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें जिससे संक्रमण न बढ़े और छूट बरकरार रहे. अगर किसी को सर्दी, खांसी, सिरदर्द, बुखार है या वायरस के लक्षण हैं तो तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें. क्योंकि इसे हल्के में लेने पर खतरा हो सकता है. अभी लॉकडाउन खत्म नहीं हुआ है. वहीं उन्होंने कहा कि तमाम लोग लॉकडाउन से परेशान हैं. उन्हें समझना होगा कि अगर लॉकडाउन नहीं लगाया गया होता शुरू से ही एक व्यक्ति से 400 लोग संक्रमित हो सकते थे. इसलिए जो भी निर्देश दिए गए हैं, उनका पालन करते रहें.
धुम्रपान शरीर के लिए हानिकारक
वहीं उन्होंने लोगों को धुम्रपान का सेवन नहीं करने की सलाह दी. डॉ वार्ष्णेय ने कहा कि शराब से इम्यून पावर कम होती है. किसी को भी शराब नहीं पीनी चाहिए. शराब के सेवन से लिवर और किडनी पर असर पड़ता है. इसलिए इस समय ऐसी किसी भी चीज का सेवन न करें जिससे इम्यून पावर कम हो क्योंकि जिसकी इम्यूनिटी कम होती है उससे संक्रमण ज्यादा गंभीर होता है.