Corona Virus Related Survey: च्यवनप्राश ने कोरोना काल में किया कमाल, जिन राज्यों में हुई ज्यादा बिक्री वहां मृत्यु दर कम
कोरोना वायरस से लड़ाई में आयुर्वेद लोगों के लिए अलग ताकत बन कर उभरा है. जिसके छोटे-छोटे उपाय लोगों में इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ ही वायरस से लड़ने की शक्ति भी प्रदान कर रहे हैं. सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी लोग आयुर्वेद को अपना रहे हैं.
कोरोना वायरस से लड़ाई में आयुर्वेद लोगों के लिए अलग ताकत बन कर उभरा है. जिसके छोटे-छोटे उपाय लोगों में इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ ही वायरस से लड़ने की शक्ति भी प्रदान कर रहे हैं. सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी लोग आयुर्वेद को अपना रहे हैं. आयुर्वेद कितनी ज्यादा प्रभावी चिकित्सा है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि देश के जिन राज्यों में च्यवनप्राश की बिक्री ज्यादा है, उस राज्य में मॉर्टेलिटी रेट यानी मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से कम है.
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा के मुताबिक च्यवनप्राश की सेल पिछले चार महीने में तीन गुना से ज्यादा है. ये भी देखा गया है कि जिस राज्य में च्यवनप्राश की ज्यादा बिक्री हुई है वहां मोर्टेलिटी कम हुई है. उनका कहना है कि च्यवनप्राश का सेवन सर्दी-गर्मी किसी भी मौसम में कर सकते हैं. यह शरीर के लिए फायदेमंद होता है. इसमें ऑंवला होता है जो किसी भी मौसम में खाया जा सकता है. च्यवनप्राश सुबह नाश्ते के साथ ले सकते हैं. लेकिन दूध में मिला कर नहीं पीना चाहिए. इसे खाने के बाद पी सकते हैं.
आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य कोटेचा ने प्रसार भारती से बातचीत में बताया कि अगर व्यक्ति की इनर इम्यूनिटी अच्छी है तो वो किसी भी बीमारी से बचा रहता है. इम्यूनिटी उसे बचाती है और अगर वह बीमार होता भी है तो गंभीर लक्षण नहीं आते। इसके लिए सेल्फ गाइडलाइन हैं. इसके लिए, जिसमें लोगों को हल्दी दूध पीने, नाक में घी लगाने, मुंह में तेल भर कर कुल्ला करने, नाक में नारियल या सरसों का तेल डालने, आदि की सलाह दी जाती है. इस तरह के कुछ सामान्य प्रक्रियाएं हैं जो वायरस को प्रवेश द्वार पर ही उसे खत्म कर देती हैं. इसके कई प्रमाण भी आए हैं. इसके अलावा अगर गले में खराश है तो लौंग-मिशरी को मुंह में रखें ठीक हो जाता है. च्यवनप्राश लेने, आयुष काढ़ा लेने से भी इम्युनिटी बढ़ती है.
कोरोना से जंग में आयुष काढ़ा का चलन बढ़ा
वैद्य कोटेचा के अनुसार आयुष मंत्रालय ने आयुष कढ़ा के नाम को नोटिफाई कर दिया, ताकि उत्पादनकर्ता इसे बना कर बेच सकें और बेचते समय लोगों में कोई भ्रम न रहे. इसके लिए एक भाग तुलसी, एक भाग सोंठ यानी सूखी अदरक, एक भाग दालचीनी, एक चौथाई काली मिर्च होनी चाहिए. सब मिलाकर एक चौथाई चम्मच एक कप चाय के लिए लिए होनी चाहिए। इसे बना कर घर में रख सकते है. जब बनाएं तो एक कप पानी में एक चौथाई चम्मच मिलाकर डालकर उबाल लें और थोड़ी देर के लिए ढक दें. अगर फ्लेवर चाहिए तो उसमें नींबू, मीठे के लिए गुड़, मुनक्का मिला सकते हैं. ये काफी स्वादिष्ट भी होता है. एक दिन में दो-तीन बार ले सकते हैं. बरसात में चार बार भी ले सकते हैं.
गरम पानी पीने के क्या फायदे हैं?
वैद्य कोटेचा ने बताया कि ICMR की ओर से नेशनल प्रोटोकॉल में भी गरम पानी थोड़ी-थोड़ी देर में पीने के लिए कहा गया है. आयुर्वेद में लॉजिक है की गरम पानी लेने से जठराग्नि सही रहती है और रोग नहीं होते. इसी तरह गरम पानी पीने से वायरस के एंट्री प्वाइंट यानी गले में वायरस मल्टीप्लाई नहीं कर पाते और शरीर को ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाते हैं.
उन्होंने कहा कि इसे लेकर कई भ्रांतिया है, जैसे कहा जाता है कि पानी खूब पीना चाहिए, तो लोग 8-10 से लेकर 12-15 लीटर पानी पीने लगते हैं. अत्यधिक पानी पीना सही नहीं है. इससे नुकसान हो सकता है. मौसम और व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार पानी पीना चाहिए. जैसे उत्तर भारत में गर्मी का मौमस है, दक्षिण भारत में गरम है, लेकिन नमी वाली गर्मी है, तो वहां पानी ज्यादा पीना चाहिए. जहां मौसम ठंडा है या रात में मौसम ठंडा हो जाता है तो वहां लोगों को कम पानी पीना चाहिए. एक और बात ध्यान रखनी है कि एक बार में पानी न पिएं, बल्कि थोड़ा-थोड़ा दिन भर पीना चाहिए.
ऑयल थैरिपी और ऑयल पुलिंग कैसे करते हैं?
आयुष मंत्रालय के सचिव ने बताया कि ऑयल थैरिपी में नाक में घी या अणु तेल लगाना होता है. इसमें एक उंगली से तेल की बूंद नाक में डालते हैं, फिर दूसरी उंगली से नाक के दूसरे छिद्र में डालते हैं और उपर की तरफ खींचते हैं या सांस लेते हैा. इससे तेल ऊपर तक जाता है. इसके अलावा ऑयल पुलिंग में एक चम्मच तेल मुंह में डालकर घुमाना होता है, 2-3 मीनट के बाद थूक कर कुल्ला कर लेना चाहिए। यह प्रक्रिया वायरस को एंट्री प्वाइंट पर रोक देता है. इसके अलावा दांत को भी मजबूत करता है और मुंह को साफ रखता है.
संबंधित खबरें
COVID-19 in Brain: मस्तिष्क में कई सालों तक रहता है कोरोना वायरस, नए रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा
Covid-19 Heart Attack Risk: कोरोना की पहली लहर से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा, कोविड-19 रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा
Coronavirus Infect Brain: कोविड 19 वायरस से बढ़ सकता है मस्तिष्क संक्रमण का खतरा, रिसर्च में चौंकाने वाली बात आई सामने
Covid-19: तबाही मचाने लौटा कोरोना! सिंगापुर में 6 दिन में सामने आए 26000 नए केस, जून में चरम पर होगा संक्रमण
\