हलाल और झटका: जानिए क्या है दोनों मीट में अंतर?

हलाल या बिना हलाल, ये सबसे बड़ा सवाल है. इसे लेकर अक्सर बहस छिड़ी रहती है. मुस्लिम हलाल मीट खाते हैं जबकि झटका मीट का विरोध करते है. हलाल का अरबी मतलब है 'जायज', जिसमे जानवरों को धारधार हथियार से तीन बार गर्दन के हिस्से काटकर कलमा पढ़ा जाता है. झटका का हिंदी मतलब है 'तीव्र', इसमें जानवरों को एक ही बार में काटने की प्रक्रिया है. हिंदू झटका मीट का सेवन करते है.

Chicken (Pixbay Images)

हलाल (Halal) या बिना हलाल, ये सबसे बड़ा सवाल है. इसे लेकर अक्सर बहस छिड़ी रहती है. मुस्लिम हलाल मीट (Halal Meat) खाते हैं जबकि झटका मीट का विरोध करते है. हाल ही में जोमैटो (Zomato) और मैकडोनाल्ड (McDonald) को झटका की बजाय हलाल मीट (Halal Meat) परोसने को लेकर सोशल मीडिया (Social Media) पर काफी विरोध का सामना करना पड़ा था. इस दौरान कई यूजर्स ने कमेंट कर कहा था कि जिस देश में 80 फीसदी लोग हिंदू है वहां खानें के नियम उनके हिसाब से तय होने चाहिए. जबकि हम धर्म को लेकर बहस नहीं करना चाहते है.लेकिन आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर हलाल (Halal Meat) और झटका मीट (Jhatka Meat) में अंतर क्या है.

हलाल मीट.

हलाल (Halal) का अरबी मतलब है 'जायज', जिसमे जानवरों को धारधार हथियार से तीन बार गर्दन के हिस्से काटकर कलमा पढ़ा जाता है और उनका मांस प्राप्त किया जाता है. इस्लाम धर्म के अनुसार वह सिर्फ हलाल मीट ही खाते है.

झटका मीट.

झटका (Jhatka) का हिंदी मतलब है 'तीव्र', इसमें जानवरों को एक ही बार में काटने की प्रक्रिया है. हिंदू झटका मीट का सेवन करते है. यह भी पढ़े-मुस्लिम डिलीवरी बॉय से भिजवाया खाना ना लेने वाले कस्टमर को Zomato का करारा जवाब- खाने का कोई धर्म नहीं, खाना खुद धर्म

वैसे दोनों ही तरीकों में जानवर की गर्दन काटी जाती है, जिसके बाद जानवर की मौत हो जाती है और इंसान को मीट मिलता है. लेकिन दोनों तरीकों में अंतर न रहकर विवाद अक्सर शुरू हो जाता है.

खैर हलाल और झटका मीट में स्वाद के हिसाब से कौन सा बेहतर है इसका फैसला आपको करना है. लेकिन हम इतना कह सकते है कि हलाल मीट लंबे समय तक चलता है और उससे बदबू आने की संभावना कम रहती है. वही उसका स्वाद कैसा होगा यह किस तरह बनाया गया है इसपर निर्भर करता है.

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