When is Vishwakarma Puja: विश्वकर्मा पूजा कब है, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja), भगवान विश्वकर्मा को समर्पित एक त्यौहार है, जो दिव्य वास्तुकार हैं, जिसे पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष, विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर, 2024 को पड़ रही है. यह विशेष रूप से शिल्पकारों, कारीगरों और कारखाने के श्रमिकों के बीच महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व रखता है, जो रचनात्मकता, कौशल और समृद्धि के आशीर्वाद के लिए भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं..

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo: Pixabay)

When is Vishwakarma Puja: विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja), भगवान विश्वकर्मा को समर्पित एक त्यौहार है, जो दिव्य वास्तुकार हैं, जिसे पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष, विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर, 2024 को पड़ रही है. यह विशेष रूप से शिल्पकारों, कारीगरों और कारखाने के श्रमिकों के बीच महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व रखता है, जो रचनात्मकता, कौशल और समृद्धि के आशीर्वाद के लिए भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं. विश्वकर्मा पूजा न केवल शिल्प कौशल का जश्न मनाती है, बल्कि श्रमिकों और समुदायों के बीच एकता और सौहार्द की भावना को भी बढ़ावा देती है. यह दैनिक जीवन में रचनात्मकता, नवाचार और कड़ी मेहनत के महत्व पर प्रकाश डालता है. यह भी पढ़ें: Parivartini Ekadashi 2024: परिवर्तिनी एकादशी कब है? इस दिन योग निद्रा के दौरान करवट बदलते हैं भगवान विष्णु, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

भगवान विश्वकर्मा, जिन्हें देवताओं के दिव्य वास्तुकार और इंजीनियर के रूप में जाना जाता है, प्राचीन हिंदू पौराणिक कथाओं में उनके अद्वितीय शिल्प कौशल के लिए पूजनीय हैं. यह त्यौहार कार्यस्थलों और कारखानों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जहाँ उपकरणों और मशीनों की पूजा आजीविका और सफलता के साधन के रूप में की जाती है.

विश्वकर्मा पूजा की तिथि और समय:

वर्ष 2024 में विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को होगी. पूजा का समय आमतौर पर सुबह जल्दी शुरू होता है और पूरे दिन चलता है, जिसमें विशेष अनुष्ठान और प्रार्थनाएं शामिल होती हैं.

विश्वकर्मा पूजा की रस्में और उत्सव:

कार्यस्थलों और कारखानों को पूजा की तैयारी के लिए विस्तृत रूप से साफ किया जाता है और सजाया जाता है.

विश्वकर्मा पूजा के दिन, कार्यशालाओं और कारखानों में भगवान विश्वकर्मा की मूर्तियाँ या चित्र स्थापित किए जाते हैं. पुजारियों और श्रमिकों द्वारा कल्याण और सफलता के लिए आशीर्वाद मांगते हुए विशेष प्रार्थनाएँ और भजन गाए जाते हैं.

भगवान विश्वकर्मा को औज़ारों और मशीनों के साथ फल, मिठाई और फूल चढ़ाए जाते हैं, जो कृतज्ञता का प्रतीक है और दक्षता और सुरक्षा के लिए दिव्य आशीर्वाद मांगते हैं.

कार्यस्थलों के अलावा, सामुदायिक समारोह और जुलूस आम हैं, जहाँ लोग उत्सव मनाने और खुशी साझा करने के लिए एक साथ आते हैं.

इस त्यौहार को दावतों के रूप में भी मनाया जाता है, जहाँ पारंपरिक व्यंजन और मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं और परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के बीच बाँटी जाती हैं.

विश्वकर्मा पूजा पूरे भारत में शिल्पकारों, वास्तुकारों, इंजीनियरों और मैकेनिकों द्वारा मनाई जाती है. भगवान विश्वकर्मा को सृजन, वास्तुकला और यांत्रिक कार्य के देवता के रूप में पूजा जाता है. इस दिन, भक्त अपने कौशल के लिए देवता के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और अपने संबंधित क्षेत्रों में प्रगति और समृद्धि के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं. यह पूजा उन श्रमिकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो अपने दैनिक कार्य में औजारों और मशीनों पर निर्भर हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इन उपकरणों की पूजा करने से सफलता मिलती है और उनका सुचारू संचालन सुनिश्चित होता है.

Share Now

\