Vidyarthi Divas 2020: आज है विद्यार्थी दिवस, क्यों मनाया जाता है ये दिन? जानें इससे जुड़ीं कुछ रोचक बातें

आज 7 नवंबर 2020 को देश भर विद्यार्थी दिवस मनाया जा रहा है. आज ही के दिन 7 नवम्बर 1900 को बाबा साहेब आम्बेडकर का सतारा हाईस्कूल महाराष्ट्र मे पहली कक्षा में दाखिला हुआ था और पहली बार विद्यालय गए थे. इसलिए दिन को विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है.

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (File Image)

आज 7 नवंबर 2020 को देश भर विद्यार्थी दिवस मनाया जा रहा है. आज ही के दिन 7 नवम्बर 1900 को बाबा साहेब आम्बेडकर का सतारा हाईस्कूल महाराष्ट्र मे पहली कक्षा में दाखिला हुआ था और पहली बार विद्यालय गए थे. इसलिए दिन को विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को यादगार बनाने के लिए साल 2017 में 7 नवम्बर को विद्यार्थी दिवस मनाने का फैसला लिया गया. विद्यार्थी दिवस के दिन महाराष्ट्र के कई स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इस दिन निबंध भाषण और डिबेट प्रतियोगिताएं आयोजित किये जाते हैं. यह भी पढ़ें: Dhammachakra Pravartan Day 2020: जब डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने अपनाया था बौद्ध धर्म, जानें धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस का इतिहास और महत्व

डॉ. बी. आर. अम्बेडकर को बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से जाना जाता है. सभी जानते हैं कि वे भारतीय संविधान के रचयिता हैं. वह एक बहुत प्रसिद्ध राजनीतिक नेता, प्रख्यात न्यायविद, बौद्ध कार्यकर्ता, दार्शनिक, मानवविज्ञानी, इतिहासकार, लेखक, अर्थशास्त्री, विद्वान और संपादक थे. डॉ. अम्बेडकर ने अपने पूरे जीवन में दलितों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए अस्पृश्यता जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए संघर्ष किया. उन्हें जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया. यह भी पढ़ें: Mahaparinirvan Diwas 2019: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की पुण्यतिथि 6 दिसंबर को, महापरिनिर्वाण दिवस पर जानें भारतीय संविधान के रचयिता से जुड़ी रोचक बातें

भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश में हुआ था. वह अपने माता-पिता की चौदहवीं संतान थे. अम्बेडकर के पिता रामजी भारतीय सेना में सूबेदार थे और महू छावनी, मप्र में तैनात थे. अम्बेडकर को समाज के हर कोने से भारी भेदभाव का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके माता-पिता हिंदू महार जाति से थे. महार जाति को उच्च वर्ग द्वारा "अछूत" के रूप में देखा जाता था.

ब्रिटिश सरकार द्वारा चलाए जा रहे आर्मी स्कूल में भी अंबेडकर के साथ भेदभाव और अपमान हुआ. 1908 में अम्बेडकर मुंबई के एलफिंस्टन कॉलेज में अध्ययन करने गए. अम्बेडकर ने बड़ौदा के गायकवाड़ शासक सयाजी राव तृतीय से पच्चीस रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति प्राप्त की. उन्होंने 1912 में बॉम्बे विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में स्नातक किया. बाबा साहेब अम्बेडकर उच्च अध्ययन के लिए यूएसए भी गए.

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