Swami Samarth Prakat Din Images 2021: स्वामी समर्थ प्रकट दिन की इन मराठी Messages, Wallpapers, WhatsApp Status को भेजकर दें शुभकामनाएं

कहा जाता है कि आंध्र प्रदेश के श्री शैलम क्षेत्र के पास कर्दली वन में स्वामी समर्थ प्रकट हुए थे. सन 1856 में स्वामी समर्थ अक्कलकोट में अवतरित हुए थे, इसलिए इस क्षेत्र को तीर्थ स्थल के तौर पर जाना जाता है. स्वामी समर्थ प्रकट दिन की आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को शुभकामनाएं देने के लिए मराठी के ये शानदार इमेजेस,मैसेजेस, वॉलपेपर्स, वॉट्सऐप स्टेटस भेज सकते हैं.

स्वामी समर्थ प्रकट दिन 2021 (Photo Credits: File Image)

Swami Samarth Prakat Din Images 2021: श्री स्वामी समर्थ (Swami Samarth) महाराज को श्री दत्त महाराज (Datta Maharaj के पूर्ण ब्रह्म स्वरूप का तीसरा अवतार माना जाता है. आज स्वामी समर्थ महाराज का प्रकट दिन (Swami Samarth Prakat Din) मनाया जा रहा है. खासकर, महाराष्ट्र में स्वामी समर्थ प्रकट दिन के उत्सव को धूमधाम से मनाया जाता है. महाराष्ट्र के अक्कलकोट में 1856 से 1878 तक स्वामी समर्थ महाराज दत्त संप्रदाय के महान संत रहे हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीपाद वल्लभ व नृसिंह सरस्वती के बाद श्री दत्तात्रेय तीसरे पूर्णावतार माने जाते हैं. गाणगापुर के श्री नृसिंह सरस्वती ही श्री श्रीशैलम के पास कर्दली वन में स्वामी समर्थ के रूप में प्रकट हुए थे.

कहा जाता है कि आंध्र प्रदेश के श्री शैलम क्षेत्र के पास कर्दली वन में स्वामी समर्थ प्रकट हुए थे. सन 1856 में स्वामी समर्थ अक्कलकोट में अवतरित हुए थे, इसलिए इस क्षेत्र को तीर्थ स्थल के तौर पर जाना जाता है. स्वामी समर्थ प्रकट दिन की आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को शुभकामनाएं देने के लिए मराठी के ये शानदार इमेजेस,मैसेजेस, वॉलपेपर्स, वॉट्सऐप स्टेटस भेज सकते हैं.

1- स्वामी समर्थ प्रकट दिन 2021

स्वामी समर्थ प्रकट दिन 2021 (Photo Credits: File Image)

2- स्वामी समर्थ प्रकट दिन 2021

स्वामी समर्थ प्रकट दिन 2021 (Photo Credits: File Image)

3- स्वामी समर्थ प्रकट दिन 2021

स्वामी समर्थ प्रकट दिन 2021 (Photo Credits: File Image)

4- स्वामी समर्थ प्रकट दिन 2021

स्वामी समर्थ प्रकट दिन 2021 (Photo Credits: File Image)

5- स्वामी समर्थ प्रकट दिन 2021

स्वामी समर्थ प्रकट दिन 2021 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि पहली बार जब स्वामी समर्थ अक्कलकोट नगर पहुंचे, उस दिन चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि थी. स्वामी समर्थ महाराज ने त्र्यंबकेश्वर स्थित शेगाव के श्री गजानन महराज और शिर्डी के श्री साई महाराज को दीक्षा दी थी. उन्होंने अपने जीवनकाल में लोगों का उचित मार्गदर्शन किया. स्वामी समर्थ महाराज रविवार 30 अप्रैल 1878 के दिन अक्कलकोट में वटवृक्ष समाधी मठ स्थान पर अपने अवतारकार्य की समाप्ति की थी. लोगों में आज भी स्वामी समर्थ महाराज के प्रति अपार श्रद्धा है.

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