RAM NAVAMI 2024: देश ही नहीं दुनिया में व्यापक हैं श्रीराम! जानें विभिन्न देशों में प्रचलित श्रीराम की पहचान!

‘श्रीराम’ भारतीयता के मूल में हैं. यह नाम केवल आस्था अथवा धर्म के दायरे तक सीमित नहीं है, बल्कि वे शौय, सभ्यता और आदर्श के शिखर पुरुष के रूप में भी देखे जाते हैं. फिर बात चाहे आदर्श राज्य की हो, आदर्श समाज की बात हो या फिर नैतिक संबंधों को मानने की बात हो.

राम नवमी 2024 (Photo Credits: File Image)

RAM NAVAMI 2024: ‘श्रीराम’ भारतीयता के मूल में हैं. यह नाम केवल आस्था अथवा धर्म के दायरे तक सीमित नहीं है, बल्कि वे शौय, सभ्यता और आदर्श के शिखर पुरुष के रूप में भी देखे जाते हैं. फिर बात चाहे आदर्श राज्य की हो, आदर्श समाज की बात हो या फिर नैतिक संबंधों को मानने की बात हो. वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम उस समय संपूर्ण विश्व के राजा थे. यह बात महज किताबी नहीं है, क्योंकि इस बात के प्रमाण दूसरे देशों से भी मिले हैं. जहां उनकी उपस्थिति परिलक्षित होती है. यहां कुछ ऐसे ही उदाहरण प्रस्तुत हैं, जो अमुक देशों में उनके साक्ष्य... यह भी पढ़ें: रामनवमी के शुभ अवसर पर घर की सजावट के लिए देखिए लेटेस्ट फ्री हैण्ड रंगोली के आइडियाज और टिप्स (Watch Video )

जापान में श्रीराम

जापान में रामायण के ना केवल दो संस्करण ‘होबुत्सुशु’ और ‘सैम्बो-एकोतोबा’ हैं, बल्कि जापानी फिल्म निर्माता

फिल्म ‘रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस रामा’ अब तक की दुनिया की सर्वश्रेष्ठ फिल्म है. जापान में लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती और अन्य हिंदू देवता भी काफी लोकप्रिय हैं, बस उनके नाम भिन्न-भिन्न हैं. उदाहरणार्थ भगवान शिव को ‘डाइकोकुटेन’, देवी सरस्वती को ‘बेनटेन’, देवी लक्ष्मी को ‘किचिजोटेन’ या ‘किशोटेन’, कुबेर जी को ‘बिशमोन’ के नाम से जाना जाता है.

इंडोनेशिया में राम कथा

दुनिया में एकमात्र इंडोनेशिया ही है, जहां प्रतिदिन राष्ट्रीय चैनल पर रामायण का प्रसारण किया जाता है. ऐसा भारत में भी नहीं होता. यही नहीं इंडोनेशिया की करेंसी पर भी गणेश जी की फोटो देखी जाती है. इंडोनेशिया में ‘काकाविन रामायण’ नामक धर्म पुस्तक उपलब्ध है. इंडोनेशिया नौसेना के प्रतीक स्वरूप संस्कृत का यह श्लोक ‘जलस्वेवा जयमहे’ है. इसके अलावा इंडोनेशिया में आज भी रामलीला का मंचन होता है, जिसमें सारे देवी-देवता की भूमिका मुस्लिम लोग निभाते हैं.

चीन के सन-वुकोंग उर्फ हनुमान

चीन में, ‘लिउडु जी जिंग’ नामक एक बौद्ध ग्रंथ में प्रभु राम का उल्लेख है. वहां ‘सन-वुकोंग’ नामक एक वानर स्वरूप देव है, जिसे स्थानीय लोग हनुमान जी का प्रतीक देवता हनुमान के चरित्र का प्रतीक है.

इटली: गौरतलब है कि इटली की राजधानी रोम का नाम ‘राम’ शब्द का अपभ्रंश है. रोमन साम्राज्य की स्थापना 21 अप्रैल और 753 ईसा पूर्व में हुई थी. 21 अप्रैल और 753 ईसा पूर्व रामनवमी है. इट्रस्केन की कुछ पेंटिंग्स भगवान राम लीला को दर्शाती हैं. इटली में ‘रेवेना’ नामक एक जगह भी है, जो रावण से मिली थी. इटली के मानचित्र में दो स्थान रेवेना और रोम बिल्कुल विपरीत देवदूत के रूप में जाने जाते हैं.

थाईलैंड की अयुथया (अयोध्या)

थाइलैंड की राष्ट्रीय पुस्तक ‘द रामकियेन’ है, जो रामायण पर आधारित है. थाईलैंड की राजधानी का पुराना नाम अयुथया, जिसे अयोध्या का अपभ्रंश माना जाता है. कहते हैं कि थाईलैंड का अंतिम शासक वंश का नाम ‘राम’ था. थाईलैंड के वर्तमान राजा वजीरालोंगकोर्न राम एक्स हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार थाईलैंड के वर्तमान राजा के महल में विष्णु और गरुड़ की पेंटिंग मिलेगी. ऐसी भी मान्यता कि थाईलैंड का पुराना नाम श्याम था. यहां रामायण जैसे सांस्कृतिक नृत्य भी होते रहते हैं.

म्यांमार का यामायन

म्यांमार में श्रीराम पर लिखी ‘रामायण’ को ‘यामायन’ के नाम से जाना जाता है. यहां प्रभु श्रीराम को भगवान यम के नाम से और सीता को मी थिडा के नाम से जाना जाता है, जिसे मिथिला का अपभ्रंश माना जाता है.

कंबोडिया और रामकियेन

कंबोडिया का राष्ट्रीय महाकाव्य रामकियेन है. रामकियेन का आशय है ‘राम + कृति’ जिसका अर्थ है श्री रामचन्द्र की महिमा. रामकियेन की पूरी कहानी रामायण पर आधारित है.

मलेशिया का हिकायत सेरी राम

मलेशिया में रामायण को ‘हिकायत सेरी राम’ के नाम से जाना जाता है. हिकायत सेरी राम की पूरी कहानी रामायण प्रेरित है.

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