Shab-e-Barat 2023 Mubarak Messages: शब-ए-बारात मुबारक! प्रियजनों संग शेयर करें ये हिंदी WhatsApp Wishes, Facebook Greetings और Quotes
शब-ए-बारात के शब का अर्थ है रात, जबकि बारात का मतलब बरी होना है. इस पाक रात को लैलात-उल-बारा और मोक्ष की रात के तौर पर भी जाना जाता है. इस पाक रात को लोग मस्जिदों में नमाज अदा कर अल्लाह से गुनाहों की माफी मांगते हैं. इस अवसर पर आप इन मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स और कोट्स को प्रियजनों संग शेयर करके शब-ए-बारात मुबारक कह सकते हैं.
Shab-e-Barat 2023 Mubarak Messages in Hindi: इस्लाम धर्म में चार मुकद्दस रातें मानी गई हैं, जिसमें पहली आशूरा (Ashura) की रात, दूसरी शब-ए-मेराज (Shab-e-Meraj), तीसरी शब-ए-बारात (Shab-e-Barat) और आखिरी शब-ए-कद्र (Shab-e-Kadr) की रात शामिल हैं. इन चार मुकद्दस रातों में शुमार शब-ए-बारात (Shab-e-Barat) को हिजरी कैलेंडर के शाबान (Shabaan) महीने की 14वीं तारीख को सूर्यास्त के बाद मनाया जाता है, जो इस साल 7 मार्च की रात को मनाई जा रही है. शब-ए-बारात इस्लाम धर्म के पाक रमजान महीने के शुरुआत से 15 दिन पहले मनाया जाता है. शब-ए-बारात को शाबान महीने की 14वीं और 15वीं तारीख की मध्य रात को मनाया जाता है. इस रात को बहुत ही पाक और महत्वपूर्ण रात माना जाता है, इसलिए इस रात दुनिया भर के मुसलमान अल्लाह से अपने गुनाहों व पापों की माफी मांगते हैं. इसके साथ ही अपने मृत पूर्वजों के लिए अल्लाह से दुआ मांगते हैं. इस रात मस्जिदों और कब्रिस्तानों की खास सजावट की जाती है, जहां लोग अल्लाह से अपने और पूर्वजों के लिए इबादत करते हैं.
शब-ए-बारात के शब का अर्थ है रात, जबकि बारात का मतलब बरी होना है. इस पाक रात को लैलात-उल-बारा और मोक्ष की रात के तौर पर भी जाना जाता है. इस पाक रात लोग मस्जिदों में नमाज अदा कर अल्लाह से गुनाहों की माफी मांगते हैं. इस अवसर पर आप इन मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स और कोट्स को प्रियजनों संग शेयर करके शब-ए-बारात मुबारक कह सकते हैं.
1- रात को नया चांद मुबारक,
चांद को चांदनी मुबारक,
फलक को सितारे मुबारक,
सितारों को बुलंदी मुबारक,
आपको हमारी तरफ से,
शब-ए-बारात मुबारक
2- आज है मौका इबादत का,
आज है मौका दुआओं का,
कर लो आज जी भर के अल्लाह को याद,
आएगा फिर यह दिन एक साल बाद.
शब-ए-बारात मुबारक
3- या अल्लाह मैं तुझसे मांगता हूं,
ऐसी माफी जिसके बाद कोई गुनाह न हो,
ऐसी सेहत जिसके बाद कोई बीमारी न हो,
ऐसी रजा जिसके बाद कोई नाराज न हो.
शब-ए-बारात मुबारक
4- अगर मुझसे कोइ गलती हो गई हो,
तो मुझे माफ कर देना...
आज 'शब-ए-बारात' है,
खुदा की इबादत कर लेना...
शब-ए-बारात मुबारक
5- आज की रात अपने अल्लाह से मांगो ऐसी दुआ,
जिसमें माफी के बाद कोई गुनाह न हो,
मुल्क ओ दुनिया में रहे अमन,
यह वतन बन जाए रहमतों से चमन.
शब-ए-बारात मुबारक
इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, शब-ए-बारात की रात इबादत करने से अल्लाह अपने बंदों के सारे गुनाह माफ कर देते हैं, इसलिए इस रात दुनिया भर के मुसलमान अल्लाह की इबादत करके अपने गुनाहों की मांफी मांगते हैं. शब-ए-बारात की पूरी रात लोग कुरान की तिलावत और खुदा की इबादत करते हैं. कहा जाता है कि इस दिन अल्लाह पूरे जहां का लेखा-जोखा तैयार करते हैं. इसके साथ ही अल्लाह लोगों के लिए काम, माफी और सजा मुकर्रर करते हैं.