Shabaan Moon Sighting: आज नहीं नजर आाया शाबान का चांद, भारत पाकिस्तान समेत इन देशों में 12 फरवरी को शुरू होगा महीना

भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका में शबान के चांद का आज शनिवार, 10 फरवरी 2024 को दीदार नहीं हुआ. इसलिए इस्लामी महीना शबान सोमवार, 12 फरवरी 2024 से शुरू होगा. चाँद देखने के लिए गठित विभिन्न समितियों ने यह घोषणा की है.

नई दिल्ली/कोलंबो: भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका में शबान के चांद का आज शनिवार, 10 फरवरी 2024 को दीदार नहीं हुआ. इसलिए इस्लामी महीना शबान सोमवार, 12 फरवरी 2024 से शुरू होगा. चाँद देखने के लिए गठित विभिन्न समितियों ने यह घोषणा की है.

26 फरवरी को मनाई जाएगी शब-ए-बारात

पाकिस्तान के सेंट्रल रुएत-ए-हिलाल कमेटी ने पुष्टि की है कि पूरे देश में कहीं भी शाबान का चांद नहीं देखा गया. परिणामस्वरूप, समिति ने घोषणा की है कि शाबान 1445 हिजरी की पहली तारीख सोमवार, 12 फरवरी को होगी और शब-ए-बारात 26 फरवरी को मनाई जाएगी.

मुस्लिम धर्मगुरुओं और खगोलविदों के अनुसार, आज शाम को आसमान साफ होने के बावजूद चांद को न तो नंगी आंखों से देखा जा सका और न ही दूरबीनों से उसका पता लगाया जा सका. इसका मतलब है कि रमज़ान से पहले का पवित्र महीना शबान सोमवार को शुरू होगा.

शबान इस्लामी कैलेंडर का आठवां महीना है और इसे रमज़ान से पहले आत्मिक शुद्धिकरण और ईश्वर की इबादत का महीना माना जाता है. इस महीने में रोज़े रखने की परंपरा नहीं है, लेकिन कई मुसलमान स्वैच्छिक रोज़े रखते हैं, क़ुरान का पाठ ज़्यादा करते हैं और नेकियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

क्या है शब-ए-बरात

शाबान महीने की 15 रात को शब-ए-बरात कहा जाता है. इस रात में अल्लाह अपने बंदों को उनके गुनाहों से माफ करता है. यानी इस दिन जो भी अल्लाह से सच्चे दिल से मगफिरत मांगता है उसको माफ कर दिया जाता है. ऐसा कई हदीस (इस्लाम में कुरान के बाद सबसे पवित्र और अहम किताब) में जिक्र किया गया है. एक और हदीस में जिक्र है कि इसी रात को दुनिया में रहने वाले लोगों का फैसला होता है. यानी जन्म, मौत और आपके हिस्से के रिज्क वगैरह का फैसला भी इसी रात को होता है. ऐसे में इस्लाम में इस रात का बहुत अहमियत है और यही वजह है कि ज्यादातर मुसलमान रातभर जागकर खुदा की इबादत करते हैं.

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