Maithili New Year/Jur Sital 2023 Messages in Hindi: मैथिली नव वर्ष (Maithili New Year) को जुड़ शीतल (Jur Sital) के नाम से भी जाना जाता है. भारत और नेपाल के मिथिला (Mithila) क्षेत्र में मैथिली नव वर्ष के पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, मैथिली नव वर्ष 15 अप्रैल को मनाया जाता है, इस साल 14 अप्रैल यानी आज यह पर्व मनाया जा रहा है. जुड़ शीतल का मतलब शीतलता की प्राप्ति है, इसलिए मैथिली नव वर्ष के रूप में शीतलता का लोकपर्व जुड़ शीतल मनाया जाता है. जिस तरह से मिथिला के लोग छठ में सूर्य और चौरचन में चंद्रमा की पूजा करते हैं, उसी तरह से जुड़ शीतल पर मैथिली समाज के लोग जल की पूजा करके शीतलता की कामना करते हैं. इस पर्व के पहले दिन सतुआन होता है, जबकि दूसरे दिन धुरखेल मनाया जाता है और इस दौरान पूरा समाज कुएं और तालाब की सफाई करता है.
बिहार सरकार आधिकारिक तौर पर इस दिन को मैथिली दिवस कहती है. मिथिला समाज के लोग इस दिन चूल्हा नहीं जलाते हैं और सतुआन के अगले दिन सत्तू व बेसन से बनाए गए बासी भोजन को ही खाते हैं. इस दिन लोग शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान करते हैं. ऐसे में आप भी इस खास अवसर पर इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, कोट्स के जरिए मैथिली नव वर्ष जुड़ शीतल की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- हर साल आता है,
हर साल जाता है;
इस नए साल में आपको वो सब मिले,
जो आपका दिल चाहता है.
हैप्पी मैथिली न्यू ईयर
2- जब तक तुमको ना देखूं,
मेरे दिल को करार ना आएगा,
तुम बिन तो जिंदगी में हमारी,
नए साल का ख्याल भी नही आएगा.
हैप्पी मैथिली न्यू ईयर
3- फिर न सिमटेगी मोहब्बत जो बिखर जाएगी,
जिंदगी जुल्फें नहीं जो फिर से संवर जाएगी,
नए साल में थाम लो हाथ उसका जो प्यार करे तुमसे,
ये जिंदगी ठहरेगी नहीं जो गुजर जाएगी.
हैप्पी मैथिली न्यू ईयर
4- आपकी आंखों में सजे हैं जो भी सपने,
और दिल में छुपी हैं जो भी अभिलाषाएं,
यह नया वर्ष उन्हें सच कर जाए,
आपके लिए है हमारी यही शुभकामनाएं.
हैप्पी मैथिली न्यू ईयर
5- गुलों की शाख से खुशबू चुरा के लाया है,
गगन के पांव से घुंघरू चुरा के लाया है,
थिरकते कदमों से आया है आज नया साल
जो की तुम्हारे वास्ते खुशियां चुरा के लाया है.
हैप्पी मैथिली न्यू ईयर
बहरहाल, इस पर्व को मनाने के पीछे फसल तंत्र और मौसम भी कारक है, मिथिला में सत्तू और बेसन की पैदावार इसी समय होती है. वैज्ञानिक नजरिए से देखें तो सत्तू और बेसन से बने व्यंजन अधिक समय तक खराब नहीं होते हैं. गर्मी के मौसम में खाने-पीने की चीजें जल्दी खराब हो जाती हैं, जिससे बचने के लिए सत्तू और बेसन का इस्तेमाल अधिक किया जाता है. इस दिन घर के बड़े बुजुर्ग अपने से छोटे लोगों के सिर पर बासी पानी डालकर 'जुड़ैल रहु' का आशीर्वाद देते हैं. उनका मानना है कि इससे पूरी गर्मी सिर ठंडा रहता है, इसके साथ ही इस दिन शाम के समय परिवार के सभी लोग पेड़ पौधों को जल से सिंचते हैं.