Magh Kalashtami 2024: माघ कालाष्टमी कब है? जानें व्रत तिथि, शुभ मुहूर्त और काल भैरव की पूजा का महत्व
हर महीने मनाई जाने वाली कालाष्टमी में माघ मास की कालाष्टमी का विशेष महत्व बताया जाता है, जो इस साल माघ कालाष्टमी 2 फरवरी 2024 को मनाई जा रही है, जिसे बाबा काल भैरव के भक्त बहुत धूमधाम से मनाते हैं.
Magh Kalashtami 2024: हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी (Kalashtami) मनाई जाती है, जो भगवान शिव के रूप काल भैरव (Kaal Bhairav) को समर्पित है. हर महीने मनाई जाने वाली कालाष्टमी में माघ मास की कालाष्टमी (Magh Kalashtami) का विशेष महत्व बताया जाता है. इस साल माघ कालाष्टमी 2 फरवरी 2024 को मनाई जा रही है, जिसे बाबा काल भैरव के भक्त बहुत धूमधाम से मनाते हैं. ऐसी मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा करने से भक्तों के जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है और मनचाही मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. आइए जानते हैं कालाष्टमी की शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त और इस दिन काल भैरव की पूजा करने का महत्व...
तिथि और शुभ मुहूर्त
इस साल माघ मास की कालाष्टमी का व्रत 2 फरवरी 2024 (शुक्रवार) को रखा जाएगा. अष्टमी तिथि 2 फरवरी की शाम 4.02 बजे से शुरु होगी और 3 फरवरी की शाम 5.20 बजे इस तिथि का समापन होगा.
ब्रह्म मुहूर्त- 2 फरवरी को सुबह 05.24 बजे से सुबह 06.17 बजे तक.
अभिजीत मुहूर्त- 2 फरवरी को दोपहर 12.13 बजे से दोपहर 12.57 बजे तक.
निशिता काल पूजा मुहूर्त- 3 फरवरी को देर रात 12.08 बजे से रात के 01.01 बजे तक.
काल भैरव की पूजा का महत्व
कालाष्टमी के दिन व्रत रखकर भक्त भगवान शिव के स्वरूप काल भैरव की पूजा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि काल भैरव की पूजा जो भी पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ करता है, उसके जीवन से सभी प्रकार के भय और चुनौतियां दूर हो जाती हैं. उन पर तंत्र मंत्र जैसी नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है.
भगवान शिव के तीन रूप हैं- काल भैरव, बटुक भैरव और रुरु भैरव. काल भैरव को तंत्र-मंत्र का देवता माना जाता है. कहा जाता है कि काल भैरव की पूजा करने से व्यक्ति असामयिक मृत्यु के खतरे के साथ ही शनि और राहु के दुष्प्रभाव से बच सकता है. माघ कालाष्टमी के शुभ दिन काल भैरव की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती हैं और कुंडली से अशुभ ग्रहों के प्रभाव को शांत किया जा सकता है.