Karwa Chauth 2024 Wishes: करवा चौथ के इन शानदार हिंदी WhatsApp Messages, Quotes, Facebook Greetings को भेजकर दें शुभकामनाएं
करवा चौथ का व्रत रखने से पहले महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर सरगी खाती हैं. महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी रचाती हैं और सोलह श्रृंगार करके सज-संवरकर पूजा करती हैं. इसके साथ ही शुभकामना संदेशों के जरिए इसकी बधाई दी जाती है. ऐसे में इस बेहद खास अवसर पर आप भी इन शानदार हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर करवा चौथ की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Karwa Chauth 2024 Wishes in Hindi: वैसे तो सालभर में विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छी सेहत की कामना से कई व्रत करती हैं, जिनमें करवा चौथ का अपना एक अलग महत्व बताया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना से करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत करती हैं. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 को रखा जा रहा है. इस दिन महिलाएं दिन भर निर्जल व्रत रखती हैं, फिर सज-संवरकर, सोलह श्रृंगार करके विधि-विधान से पूजा करती हैं. इस दौरान करवा चौथ की कथा सुनी या पढ़ी जाती है, फिर रात में चंद्रोदय के बाद चांद का दीदार करके महिलाएं अपना व्रत पूर्ण करती हैं. मान्यता है कि इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य और खुशहाल वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
करवा चौथ का व्रत रखने से पहले महिलाएं सूर्योदय से पूर्व उठकर सरगी खाती हैं, फिर इस व्रत की शुरुआत होती है. महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी रचाती हैं और सोलह श्रृंगार करके सज-संवरकर पूजा करती हैं. इसके साथ ही शुभकामना संदेशों के जरिए इसकी बधाई दी जाती है. ऐसे में इस बेहद खास अवसर पर आप भी इन शानदार हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर करवा चौथ की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
ऐसा कहा जाता है कि शादी के बाद अगर कोई विवाहित महिला पहली बार करवा चौथ का व्रत कर रही है तो वो पूजा के लिए अपनी शादी का जोड़ा पहन सकती है. करवा चौथ के दिन सुबह स्नान के बाद लाल या गुलाबी रगं के कपड़े पहनने चाहिए, फिर शाम को दुल्हन की तरह सज-संवरकर विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. पूजन के दौरान करवा चौथ व्रत कथा पढ़नी या सुननी चाहिए, फिर चंद्रमा को अर्घ्य देकर चलनी के ओट से चांद का दीदार करके अपने पति का चेहरा देखना चाहिए. पति का चेहरा देखने के बाद उनके चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेना चाहिए और जल पीकर अपना व्रत खोलना चाहिए.