Jashne Eid Milad Un Nabi 2024 Greetings: ईद-मिलाद-उन-नबी मुबारक! अपनों को भेजें ये हिंदी Quotes, Shayaris, Facebook Messages और WhatsApp Wishes
जश्न-ए-ईद-मिलाद-उन-नबी के दिन मुस्लिम समुदाय में विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं और इसका जश्न मनाया जाता है. लोग मस्जिदों में जाकर प्रार्थना करते हैं और पैगंबर मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को याद करते हैं. इसके साथ ही शुभकामना संदेश भेजे जाते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी ग्रीटिंग्स, कोट्स, शायरी, फेसबुक मैसेजेस और वॉट्सऐप विशेज को भेजकर अपनों को ईद-मिलाद-उन-नबी मुबारक कह सकते हैं.
Jashne Eid Milad Un Nabi 2024 Greetings in Hindi: ईद मिलाद-उन-नबी (Eid Milad Un Nabi) को ईद-ए-मिलाद (Eid-e-Milad) के नाम से भी जाना जाता है, जिसे इस्लाम धर्म के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद (Prophat Hazrat Muhammad) के जन्मदिवस के तौर पर मनाया जाता है. ईद मिलाद-उन-नबी इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के तीसरे महीने रबी उल-अव्वल (Rabi-ul-Awal) की 12वीं तारीख को मनाया जाने वाला एक खास इस्लामिक पर्व है. आज यानी 16 सितंबर 2024 को ईद-मिलाद-उन-नबी का पर्व मनाया जा रहा है. इसका इस्लाम धर्म में काफी महत्व बताया जाता है और यह त्योहार इस्लामिक लोगों को एकता के सूत्र में बांधता है. इसके साथ ही यह उन्हें पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं को याद करने का भी अवसर प्रदान करता है. इस्लाम धर्म का यह महत्वपूर्ण त्योहार लोगों को समाज सेवा, गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रेरित करता है. ऐसी मान्यता है कि ईद मिलाद-उन-नबी के दिन दान और जकात करने से अल्लाह खुश होते हैं.
जश्न-ए-ईद-मिलाद-उन-नबी के दिन मुस्लिम समुदाय में विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं और इसका जश्न मनाया जाता है. लोग मस्जिदों में जाकर प्रार्थना करते हैं और पैगंबर मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को याद करते हैं. इसके साथ ही शुभकामना संदेश भेजे जाते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी ग्रीटिंग्स, कोट्स, शायरी, फेसबुक मैसेजेस और वॉट्सऐप विशेज को भेजकर अपनों को ईद-मिलाद-उन-नबी मुबारक कह सकते हैं.
ईद मिलाद-उन-नबी का इतिहास इस्लामिक धर्म के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म से जुड़ा हुआ है. उनका जन्म 570 ईस्वी में सऊदी अरब के मक्का में हुआ था. इस्लाम धर्म में सुन्नी समुदाय के लोग लोग पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म को रबी-उल-अव्वल की 12वीं तारीख को मनाते हैं, जबकि शिया समुदाय के लोग इस त्योहार को 17वें दिन मनाते हैं. यह दिन न केवल पैगंबर मोहम्मद के जन्म का प्रतीक है, बल्कि उनकी मृत्यु के शोक में भी इस दिन को याद किया जाता है.