Jagannath Rath Yatra 2021: सीमित दायरे में होगी आज जगन्नाथ की रथयात्रा! लेकिन रथयात्रा की ये बातें आपको चौंका सकती हैं!

हिन्दू धर्म में जगन्‍नाथ पुरी रथयात्रा का खास महत्व है. इस उत्सव को देखने के लिए देश-विदेश से भारी तादाद में पर्यटक पुरी की ओर रुख करते हैं.लेकिन इस साल कोरोना महामारी के तीसरे वेव की संभावनाओं एवं सुप्रीम कोर्ट के रथयात्रा को पुरी तक सीमित रखने के आदेश के बाद माना जा रहा है कि इससे जगप्रसिद्ध जगन्‍नाथ रथयात्रा की भव्यता और दर्शकता प्रभावित हो सकती है.

जगन्नाथ रथ यात्रा (Photo Credits: Instagram)

Jagannath Rath Yatra 2021: हिन्दू धर्म में जगन्‍नाथ पुरी रथयात्रा का खास महत्व है. इस उत्सव को देखने के लिए देश-विदेश से भारी तादाद में पर्यटक पुरी की ओर रुख करते हैं.लेकिन इस साल कोरोना महामारी के तीसरे वेव की संभावनाओं एवं सुप्रीम कोर्ट के रथयात्रा को पुरी तक सीमित रखने के आदेश के बाद माना जा रहा है कि इससे जगप्रसिद्ध जगन्‍नाथ रथयात्रा की भव्यता और दर्शकता प्रभावित हो सकती है.

प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की द्वितिया को जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है. इसकी भव्यता एवं दिव्यता तो जगप्रसिद्ध है ही, यहां प्रस्तुत है इस आध्यात्मिक एवं परंपरागत रथयात्रा से संबंधित कुछ रोचक जानकारियां, जो आपको विस्मित कर सकती हैं.

पंचतत्वों से निर्मित होते हैं रथ

जिस प्रकार मनुष्य का शरीर पंचतत्वों से मिलकर बना है, उसी तरह पांच तत्वों - लकड़ी, धातु, रंग, परिधान एवं सजावट के समान से इस भव्य रथ का निर्माण होता है. प्रत्येक वर्ष पुराने रथ को तोड़ कर हर वर्ष नया रथ तैयार किया जाता है.

तालध्वज-दर्पदलन-गरुढ़ध्वज

भगवान श्री जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा में नीम की लकड़ी से विभिन्न तरीके से रथ तैयार किये जाते हैं. सबसे आगे चलने वाले रथ में बलराम जी जिसे तालध्वज कहते हैं. इसके बाद बहन सुभद्रा का रथ जिसे दर्पदलन और सबसे पीछे भगवान श्रीकृष्ण का रथ होता है, जिसका नाम गरुढ़ध्वज है. तालध्वज लाल और हरे रंग का, दर्पदलन काले एवं नीले रंग का तथा गरुढ़ध्वज का रंग लाल एवं पीला होता है. रथ के निर्माण में किसी तरह की कीलों का प्रयोग नहीं किया गया है. रथ का निर्माण कार्य अक्षय तृतीया के तीसरे दिन से शुरु हो जाता है.

माँ लक्ष्मी तोड़ देती हैं रथ के पहिए!

हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार रथ यात्रा के तीसरे दिन मां लक्ष्मी भगवान जगन्नाथ जी को ढूढ़ते हुए यहां आती हैं, लेकिन पुजारियों द्वारा मुख्य द्वार के बंद रखने के कारण वे नाराज हो जाती हैं, इसी वजह से वे रथ का पहिया तोड़कर वापस चली जाती हैं. इसके बाद भगवान जगन्नाथ उन्हें मनाने के लिए स्‍वयं जाते हैं.

इसलिए अधूरी हैं तीनों मूर्तियां!

मंदिर में स्थापित भगवान जगन्‍नाथ, बहन सुभद्रा एवं भ्राता बलरामजी की अधूरी प्रतिमाएं स्थापित हैं. इस संदर्भ में मान्यता है कि प्राचीनकाल में जब राजा ने विश्वकर्मा को रातों-रात जगन्नाथजी, सुभद्राजी एवं बलरामजी की मूर्तियां बनाने का आदेश दिया गया तो, विश्वकर्मा जी ने कहा कि वे रातों-रात मूर्तियां बना तो देंगे, लेकिन मूर्तियां बनने तक उनके कक्ष में कोई प्रवेश नहीं करेगा. राजा ने देर रात यह देखने के लिए कि मूर्तियां कितनी बनी हैं, विश्वकर्मा की कक्ष का दरवाजा खोला, लेकिन तब तक किसी मूर्ति के हाथ, किसी के पैर एवं पंजे नहीं बने थे. विश्वकर्मा जी ने तुरंत काम रोक दिया. अंततः राजा को अधूरी मूर्तियां ही मंदिर में स्थापित करवा कर उनकी पूजा-प्रतिष्ठान शुरु करवाना पड़ा था.

ये भी पढ़ें: Lord Jagannath Rath Yatra 2021 Greetings & HD Images: जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा पर ये Wishes, WhatsApp Messages, SMS और Facebook Status के जरिये भेजकर दें शुभकामनाएं

प्रतिमाओं में हैं इनकी अस्थियों के अंश!

इस मंदिर का निर्माण करीब एक हजार साल पूर्व राजा इंद्रद्युम्न ने करवाया था. इस संदर्भ में मान्यता है कि इंद्रद्युम्न जो भगवान विष्णु जी के परम भक्त थे, को सपने में भगवान विष्णु ने आदेश दिया था कि श्रीकृष्ण के नदी समाधि लेने के बाद उनके दुःख में सुभद्रा एवं बलराम ने भी उसी जगह जल समाधि ले ली थी. उनकी अस्थियां आज भी नदी की तलहटी में हैं. विष्णु जी के आदेश पर राजा प्रद्युम्न ने उनकी अस्थियां एकत्र कीं और कहा जाता है कि उन तीनों की अस्थियों के कुछ अंश मिलाकर उनकी प्रतिमा का निर्माण किया गया.

वायु के विपरीत दिशा में लहराता है मंदिर का ध्वज!

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मंदिर के गुंबद पर लगा ध्‍वज सदा वायु के विपरीत दिशा में लहराता है. इससे भी हैरानी की बात यह है कि यहां दिन में समुद्र की ओर से हवा आती है, जबकि सूर्यास्त के पश्चात से हवा इसके विपरीत दिशा में बहने लगती है.

ये डालना

Share Now

संबंधित खबरें

NZ W vs AUS W, 3rd ODI Match 2024 Live Streaming In India: न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच आज खेला जाएगा रोमांचक मुकाबला, यहां जानें भारत में कब, कहां और कैसे उठाए लाइव मुकाबले का लुफ्त

SA vs PAK, 3rd ODI Match 2024 Scorecard: तीसरे मुकाबले में पाकिस्तान ने दक्षिण अफ्रीका को दिया 309 रनों की टारगेट, सईम अय्यूब ने खेली धमाकेदार पारी; यहां देखें पहली इनिंग का स्कोरकार्ड

IND W vs WI W, 1st ODI Match 2024 Full Highlights: पहले मुकाबले में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को 211 रनों से रौंदा, रेणुका ठाकुर सिंह ने की घातक गेंदबाजी; यहां देखें मैच का हाइलाइट्स

NZ W vs AUS W, 3rd ODI Match 2024 Key Players To Watch Out: तीसरे वनडे मुकाबले में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच होगी कांटे की टक्कर, इन धुरंधर खिलाड़ियों पर होगी सबकी निगाहें

\