Guru Ravidas Jayanti 2024 Wishes in Hindi: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, इस साल संत रविदास जयंती (Sant Ravidas Jayanti) का पर्व 24 फरवरी 2024, शनिवार को मनाया जा रहा है, जबकि हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु रविदास जयंती (Guru Ravidas Jayanti) मनाई जाती है. ऐसा माना जाता है कि संत रविदास (Sant Ravidas) कबीरदास (Kabirdas) के समकालीन और गुरुभाई हैं. उनका जन्म सन 1398 में माघ पूर्णिमा के दिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) स्थित गोवर्धनपुर गांव में हुआ था. पंजाब में उन्हें रविदास के नाम से जाना जाता है, जबकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में उन्हें रैदास के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि उनका जन्म रविवार के दिन हुआ था, इसलिए उनका नाम रविदास रखा गया.
संत रविदास जी का कथन ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ आज भी काफी लोकप्रिय है. गुरु रविदास जयंती पर उनके अनुयायी बड़ी संख्या में एक स्थान पर एकत्रित होकर भजन-कीर्तन करते हुए रैलियां निकालते हैं और उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रण लेते हैं. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- जाति-जाति में जाति हैं,
जो केतन के पात,
रैदास मनुष ना जुड़ सके,
जब तक जाति न जात.
गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं
2- गुरु जी मैं तेरी पतंग,
हवा में उड़ जाऊंगी,
अपने हाथों से न छोड़ना डोर,
वरना मैं कट जाऊंगी.
गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं
3- भला किसी का नहीं कर सकते,
तो बुरा किसी का मत करना,
फूल जो नहीं बन सकते तुम,
तो कांटा बनकर भी मत रहना.
गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं
यह भी पढ़ें: Guru Ravidas Quotes 2024: कब है संत शिरोमणि रविदास की जयंती? जानें उनके द्वारा रचे कुछ प्रेरक कोट्स!
4- मन चंगा तो कठौती में गंगा,
संत परंपरा के महान योगी,
परम ज्ञानी संत श्री रविदास जी,
आपको कोटि-कोटि नमन.
गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं
5- आज का दिन है खुशियों भरा,
आपको और पूरे परिवार को,
संत गुरु रविदास जयंती की,
बहुत-बहुत बधाई...
गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं
कहा जाता है कि संत रविदास ने अपना पूरा जीवन प्रभु की भक्ति और सत्संग में बिताया था. उनकी इस प्रतिभा को देखकर स्वामी रामानंद ने उन्हें अपना शिष्य बना लिया था. ऐसी मान्यता है कि कृष्ण भक्त मीराबाई भी संत रविदास की शिष्या थीं और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मीराबाई को इन्ही से मिली थी. गुरु रविदास एक ऐसे परोपकारी संत थे, जिन्होंने समाज में फैले व्यक्तिगत भेदभाव को दूर कर सामाजिक एकता पर बल दिया. उन्होंने भक्ति भावना से पूरे समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य किया, इसलिए उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक और लोगों के लिए प्रेरणादायक हैं.