Govatsa Dwadashi 2022 Messages: गोवत्स द्वादशी पर प्रियजनों को इन हिंदी WhatsApp Wishes, GIF Greetings, Quotes के जरिए दें शुभकामनाएं
गोवत्स द्वादशी यानी बछ बारस पर गाय और उनके बछड़ों की पूजा व सेवा करने के अलावा लोग इस दिन एक-दूसरे के साथ शुभकामना संदेश भी शेयर करते हैं. ऐसे में इस अति पावन अवसर पर आप भी इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और कोट्स के जरिए अपने प्रियजनों को इस पर्व की प्यार भरी शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Govatsa Dwadashi 2022 Messages in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल धनतेरस (Dhanteras) से एक दिन पहले यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादथी तिथि को गोवत्स द्वादशी (Govatsa Dwadashi) का त्योहार मनाया जाता है, जिसे वसु बारस (Vasu Baras) या बछ बारस (Bach Baras) के नाम से भी जाना जाता है. इस साल गोवत्स द्वादशी का त्योहार 21 अक्टूबर 2022 को मनाया जा रहा है. यह दिन गायों और उनके बछड़ों को समर्पित है, इसलिए इस दिन उनकी सेवा की जाती है. मान्यता है कि गौ माता में सभी देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए उनके पूजन से सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. स्वयं भगवान श्रीकृष्ण भी गाय की सेवा करते थे और गाय उन्हें अतिप्रिय है. यह भी कहा जाता है कि गौ-भक्ति और गौ-सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं है. गौ माता के पूजन सिर्फ देवी-देवता ही प्रसन्न नहीं होते हैं, बल्कि इससे पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
गोवत्स द्वादशी यानी बछ बारस पर गाय और उनके बछड़ों की पूजा व सेवा करने के अलावा लोग इस दिन एक-दूसरे के साथ शुभकामना संदेश भी शेयर करते हैं. ऐसे में इस अति पावन अवसर पर आप भी इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और कोट्स के जरिए अपने प्रियजनों को इस पर्व की प्यार भरी शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- गौ माता करतीं सदा, भव सागर से पार,
इनकी तुम सेवा करो, जीवन देंगी तार...
गोवत्स द्वादशी की शुभकामनाएं
2- गायों की सेवा करो और बचाओ जान,
कान्हा आगे आएंगे, सुख की छतरी तान...
गोवत्स द्वादशी की शुभकामनाएं
3- गोबर करता है यहां, ईधन का भी काम,
गौ सेवा जिसने की, उसके हो गए चारों धाम...
गोवत्स द्वादशी की शुभकामनाएं
4- घास-फूस खाकर करें, दूध-दही की रेज,
इसी वजह से सज रही, मिष्ठानों की सेज...
गोवत्स द्वादशी की शुभकामनाएं
5- जहां गौ माता की रक्षा एवं संवर्धन होता है,
तथा उन्हें पूज्य भाव देकर पूजा जाता है,
वह व्यक्ति, समाज, राष्ट्र निश्चित ही,
वैभव को प्राप्त करता है...
गोवत्स द्वादशी की शुभकामनाएं
गौ माता को लेकर भविष्य पुराण में जो उल्लेख मिलता है, उसके मुताबिक, गाय के पृष्ठदेश में ब्रह्म, गले में विष्णु, मुख में रुद्र, मध्य में समस्त देवी-देवता, रोमकूपों में महर्षिगण, पूंछ में अनंत नाग, खूरों में सभी पर्वत, नेत्रों में सूर्य-चंद्र, गौमूत्र में सभी पवित्र नदियों का वास माना जाता है, इसलिए ऐसी मान्यता प्रचलित है कि इस दिन गाय और बछड़े की पूरे निष्ठा भाव से सेवा करने पर समस्त देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है.