Ghatasthapana 2024 Wishes: शारदीय नवरात्रि घटस्थापना की इन हिंदी WhatsApp Messages, Quotes, Facebook Greetings, Photo SMS के जरिए दें शुभकामनाएं
शारदीय नवरात्रि के दिन शुभ मुहूर्त में घटस्थापना करके मां दुर्गा का स्वागत किया जाता है और शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस के जरिए शारदीय नवरात्रि घटस्थापना की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Sharad Navratri Ghatasthapana 2024 Wishes in Hindi: महालया (Mahalaya) के बाद आज यानी 3 अक्टूबर 2024 से शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) की शुरुआत हो गई है, जिसका समापन 12 अक्टूबर 2024 को विजयादशमी (Vijayadashami) यानी दशहरे (Dussehra) के साथ होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है और अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महा नवमी मनाई जाती है, फिर दसवें दिन विजयादशमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा का महालया के दिन कैलाश पर्वत से पृथ्वी पर आगमन होता है. ऐसे में नवरात्रि (Navratri) के पहले दिन घटस्थापना (Ghatasthapana) यानी कलश स्थापना (Kalash Sthapana) कर देवी दुर्गा (Maa Durga) का आह्वान किया जाता है, फिर पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है.
नवरात्रि के पहले दिन नवदुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जबकि आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है. प्रतिपदा तिथि को शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना यानी घटस्थापना करके मां दुर्गा का स्वागत किया जाता है और शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस के जरिए शारदीय नवरात्रि घटस्थापना की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, कलश में सभी ग्रह, नक्षत्र और तीर्थ वास करते हैं. साथ ही कहा जाता है कि त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश के साथ-साथ सभी नदियां, धार्मिक स्थल, तैंतीस कोटी देवी-देवता कलश में वास करते हैं, इसलिए नवरात्रि में कलश स्थापना करके देवी के साथ-साथ सभी देवी-देवताओं का आह्वान किया जाता है. हिंदू धर्म में किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में कलश स्थापना का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे सुख-समृद्धि, वैभव और ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है.