Ganeshotsav 2023: गणपति बप्पा को ला रहे हैं घर, तो इन 5 बातों का अवश्य रखें ध्यान! तभी फलदायी होगी आराधना!

महाराष्ट्र समेत संपूर्ण भारत में गणपति बप्पा के आगमन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. बप्पा की दिव्य, भव्यतम एवं क्लासिक मूर्तियां अपने भक्तजनों के घरों, एवं पंडालों में आने के लिए तैयार हैं. गणेशोत्सव यूं तो महाराष्ट्र का सबसे बड़ा पर्व है, लेकिन भाद्रपद शुक्लपक्ष की गणेश चतुर्थी संपूर्ण देश के गणेश भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का दिन है.

Ganeshotsav 2023

महाराष्ट्र समेत संपूर्ण भारत में गणपति बप्पा के आगमन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. बप्पा की दिव्य, भव्यतम एवं क्लासिक मूर्तियां अपने भक्तजनों के घरों, एवं पंडालों में आने के लिए तैयार हैं. गणेशोत्सव यूं तो महाराष्ट्र का सबसे बड़ा पर्व है, लेकिन भाद्रपद शुक्लपक्ष की गणेश चतुर्थी संपूर्ण देश के गणेश भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का दिन है. इस वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की 11 दिवसीय गणेशोत्सव महापर्व 19 सितंबर 2023, मंगलवार से शुरू होगा. अगर आप भी गणपति बप्पा को घर पर आमंत्रित कर रहे हैं, तो कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होगा. इन गलतियों को करने से बचना होगा, तभी बप्पा का विशेष स्नेह और आशीर्वाद आप प्राप्त कर सकेंगे, आइये जानते हैं क्या हैं वे बातें... यह भी पढ़ें: Difference Between 3 Teejs 2023: हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज में क्या अंतर है? जानें क्या कहते हैं पुरोहित!

गणपति की केवल एक प्रतिमा रखें

आप गणेशजी की पूजा-अर्चना के उद्देश्य से गणेश जी की प्रतिमा घर ला रहे हैं. इसलिए पूजा स्थल पर एक प्रतिमा ही रखें. पंडालों में गणेश जी की विशालकाय प्रतिमा लोगों के दर्शन के लिए लाई जाती है, जबकि पूजा के लिए एक छोटी प्रतिमा रखी जाती है. दो गणेश प्रतिमा की पूजा फलीभूत नहीं होती. वास्तु के अनुसार भी पूजा घर में एक देवता की केवल एक प्रतिमा होनी चाहिए. नई प्रतिमा लाने से पूर्व पुरानी प्रतिमा का विसर्जन कर देना चाहिए.

गणपति की प्रतिमा लाते समय सूंढ़ की दिशा पर अवश्य नजर रखें

घर पर पूजा करने के लिए लाई गई गणेशजी की प्रतिमा का सूंढ़ बायीं ओर होना चाहिए. मान्यताओं के अनुसार बाईं ओर मुड़ी सूंड वाले गणेश जी अपने भक्तों पर शीघ्र प्रसन्न होकर भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. मान्यताएं यह भी है कि दाईं ओर मुड़े सूंड वाले गणेश जी पूजा में छोटी सी विघ्न से भी जल्दी रुष्ठ हो जाते हैं, मंदिरों में चूंकि पुरोहित विधि-विधान से पूजा करते हैं, इसलिए मंदिरों में अकसर दाईं ओर सूंड वाले गणेश जी का दर्शन हो जाता है.

गणपति की प्रतिमा इस तरह स्थापित करें

गणेश एवं शिव पुराण में वर्णित है कि भगवान गणेश के शरीर पर ब्रह्माण्ड की प्रत्येक वस्तु एवं गुण निवास करते हैं. उसी के अनुसार गणेशजी की पीठ पर दरिद्रता निवास करती है, इसलिए गणपति बप्पा की प्रतिमा की स्थापना पूर्व इस बात का ध्यान रखें कि उनकी पीठ के पीछे नहीं जाएं, और अगर गलती से चला जाता है तो उसे बप्पा से छमा याचना कर लेनी चाहिए.

पूजा एवं सजावट में रंगों का रखें विशेष ध्यान!

अगर आप गणपति की प्रतिमा के लिए सजावट कर रहे हैं, तो ध्यान कर काले अथवा गहरे नीले रंगों का इस्तेमाल न करें. वास्तु शास्त्र के अनुसार यह नकारात्मक प्रभाव वाले रंग माने जाते हैं. गणेश जी को लाल रंग बहुत पसंद है, इसलिए सजावट एवं पूजा के लिए इन रंगों का इस्तेमाल ज्यादा करें. पूजा में लाल फूल, लाल चंदन, लाल सिंदूर आदि ही चढ़ाना चाहिए. माना जाता है कि इससे बप्पा का आगमन फलीभूत होता है.

पूजा स्थल पर गणेश परिवार को अवश्य स्थान दें!

मान्यताओं के अनुसार गणेश जी अपने परिवार से विशेष स्नेह रखते हैं. उनके परिवार में प्रमुख हैं उनकी पत्नी ऋद्धि और सिद्धि, पुत्र शुभ और लाभ तथा उनकी सवारी मूषक राज. इनके बिना गणेश जी कहीं नहीं होते. गणेश जी के साथ इनकी भी पूजा-अर्चना करने के बाद ही परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है. इसलिए गणपति की स्थापना के साथ इनके लिए भी जगह अवश्य रखें, और इनकी भी पूजा अवश्य करें.

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