Daughter's Day 2019: बेटियों के लिए बेहद खास है डॉटर्स डे, जानिए क्यों मनाया जाता है यह दिवस और कैसे हुई इसकी शुरुआत
बेटियां ईश्वर का सबसे अनमोल तोहफा है जो न सिर्फ अपने माता-पिता के घर-आंगन को महकाती हैं, बल्कि शादी के बाद ससुराल को भी रोशन करती हैं. बेटियों के प्रति प्यार और दुलार जताने के लिए ही साल का एक दिन उनके लिए समर्पित किया गया है. हर साल सितंबर महीने के चौथे रविवार को डॉटर्स डे यानी बेटी दिवस मनाया जाता है. इस साल डॉटर्स डे 22 सितंबर को मनाया जाएगा.
National Daughter's Day 2019: कहते हैं कि वो माता-पिता (Parents) बहुत खुशनसीब होते हैं जिनके घर बेटी (Daughter) जन्म लेती है. बेटियों की मुस्कुराहट से माता-पिता के घर की रौनक बढ़ती है. वो एक बेटी ही होती है जो बिना कहे अपने माता-पिता के मन की हर बात समझ जाती है. वो कभी अपने माता-पिता के लिए नन्ही सी गुड़िया बन जाती है तो कभी उनका सुख-दुख बांटने वाली सबसे अच्छी दोस्त बन जाती हैं. बेटियां ईश्वर का सबसे अनमोल तोहफा है जो न सिर्फ अपने माता-पिता के घर-आंगन को महकाती हैं, बल्कि शादी के बाद ससुराल के आंगन को भी अपनी मौजूदगी से रोशन करती हैं. बेटियों के प्रति प्यार और दुलार जताने के लिए ही साल का एक दिन उनके लिए समर्पित किया गया है.
जी हां, हर साल सितंबर महीने के चौथे रविवार (4th Sunday of September) को डॉटर्स डे (Daughter's Day) यानी बेटी दिवस मनाया जाता है. इस साल डॉटर्स डे 22 सितंबर को मनाया जाएगा. यह दिवस बेटियों के लिए बेहद खास माना जाता है. बेटी न सिर्फ अपने मां के बेहद करीब होती है, बल्कि वो अपने पिता की लाड़ली भी होती है. एक बेटी के लिए उसके माता-पिता से बढ़कर और कोई नहीं होता है. ये बेटियां हैं जो हर रिश्ते में एक नई जान भर देती हैं, इसलिए बेटियों को स्पेशल होने का एहसास दिलाने के लिए डॉटर्स डे (National Daughter's Day) मनाया जाता है.
कैसे हुई इसकी शुरुआत?
भारत में हर साल सितंबर महीने के चौथे रविवार को बेटी दिवस मनाया जाता है, जबकि दुनिया भर के देशों में इस दिवस को अलग-अलग दिन मनाया जाता है, लेकिन इसका उद्देश्य बेटियों के प्रति लोगों को जागरूक करना होता है. भारत में लड़कों की तुलना में घटते लिंगानुपात के प्रति जागरूकता लाने और भ्रूण हत्या पर लगाम लगाने के मकसद से इस दिवस को मनाया जाता है.
आधुनिकता के इस दौर में भले ही लड़कियां लड़कों से कितनी ही आगे क्यों न निकल जाएं, लेकिन समाज के कई हिस्सों में उन्हें बेटों से कमतर ही आंका जाता है. ऐसे में बेटे और बेटी के बीच के भेद को मिटाने और समानता का बढ़ावा देवे के लिए इस दिवस को मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: National Girl Child Day 2019: राष्ट्रीय बालिका दिवस आज, 'उज्जवल कल के लिए लड़कियों का सशक्तिकरण' है थीम
क्या है डॉटर्स डे का महत्व?
भारत में डॉटर्स डे मनाने के लिए रविवार का दिन इसलिए चुना गया, ताकि इस दिन माता-पिता अपनी बेटियों के साथ ज्यादा समय बिता सकें और इस दिन बेटियों के लिए कुछ खास कर सकें. बेटी दिवस परिवार की सभी लड़कियों और महिलाओं को सम्मानित करने का खास दिन है. दरअसल, भारत में बेटियों को लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है. ऐसे में उन्हें बेटों से कम आंकने की बजाय उनका सम्मान करना चाहिए.
इस दिन माता-पिता अपनी बेटियों को तोहफे देतें है, उनके लिए सरप्राइज प्लान करके इस दिन को खास बनाने की कोशिश करते हैं. यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि बेटी दिवस माता-पिता और बेटियों के बीच रिश्ते को मजबूत बनाने का एक बहुत ही खास दिन है.