Akshaya Tritiya 2019: 16 साल बाद बन रहा है ऐसा मंगलकारी संयोग, लोगों को होगा विशेष लाभ
अक्षय तृतीया का दिन पितरों को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्ति का भी विशेष दिन माना जाता है. इस दिवस विशेष पर एक या अधिक ब्राह्मण को भोजन करवाकर कलश, पंखा, खड़ाऊं, छाता, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा, फल, शक्कर, घी आदि का दान करने से पित्तर बहुत प्रसन्न होते हैं, तथा घर में बीमारी अथवा धनाभाव का कष्ट खत्म होता है.
दीपावली के पश्चात अक्षय तृतीया का ही दिन ऐसा होता है जब लोग भारी तादाद में सोना, चांदी अथवा महंगे धातु वाले आभूषणों की खरीदारी करते हैं. अक्षय तृतीया के दिन स्वर्णाभूषण खरीदने वालों का मानना है कि इस दिन की गई खरीदारी आपको मुनाफा भी दिलाती है साथ ही इस दिन की गयी खरीदारी अक्षय होती है. अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ण चांदी की डिमांड को देखते हुए बैंक और ज्वेलर्स कुछ न कुछ मनभावन स्कीम भी निकालते हैं. जिसकी वजह से इस दिन सोना खरीदने वालों की संख्या अचानक बढ़ जाती है.
अक्षय तृतीया का दिन पितरों को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्ति का भी विशेष दिन माना जाता है. इस दिवस विशेष पर एक या अधिक ब्राह्मण को भोजन करवाकर कलश, पंखा, खड़ाऊं, छाता, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा, फल, शक्कर, घी आदि का दान करने से पित्तर बहुत प्रसन्न होते हैं, तथा घर में बीमारी अथवा धनाभाव का कष्ट खत्म होता है.
16 साल बाद बन रहा है अभूतपूर्व संयोग
मुंबई के विख्यात ज्योतिषाचार्य रवींद्र पाण्डेय अक्षय तृतीया की महत्ता बताते हुए कहते हैं कि इस विशेष दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों एक ही राशि में अपने शीर्षथ स्थिति में विराजमान होते हैं, इस अवसर पर जहां बाजार में खरीदारी अचानक बढ़ जाती है, वहीं कुछ लोग शुभ एवं मांगलिक कार्यों का भी शुभारंभ करते हैं. जबकि बहुत सारे लोग इस दिन पूजा-पाठ एवं दान-धर्म की गतिविधियों में लिप्त देखे जाते हैं. इस बार अक्षय तृतीया की महत्ता कई गुना बढ़ने के कारण लोगबाग इस दिन की बेकरारी से प्रतीक्षा कर रहे हैं. क्योंकि लगभग 16 वर्ष बाद सूर्य, शुक्र, राहु व चंद्र उच्च राशि वृष में प्रवेश करेंगे. साथ ही इस वर्ष रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि का चंद्रमा मुहूर्त को और विशेषता प्रदान कर रहा है, इस वजह से इस वर्ष अक्षय तृतीया का महत्व कई गुना बढ़ रहा है.
कब से कब तक है इस वर्ष अक्षय तृतीया
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्लपक्ष की तृतीया यानी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 7 मई को अक्षय तृतीया पड़ रहा है. ज्योतिषियों एवं विद्वानों के अनुसार तृतीया की यह तिथि छह और सात मई को भोर में 3 बजकर 22 मिनट पर अक्षय तृतीया लग रही है जो 7-8 मई की भोर में ही 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. इस बार अक्षय तृतीया की यह तिथि कई सारे शुभ संयोग के साथ आ रही है. यह योग इसे अत्यंत शुभ एवं मंगलकारी बना रहा है.
बढ़-चढ़ कर करें पुण्यदायी एवं मंगल कार्य
विद्वानों का मानना है कि इस शुभ तिथि पर स्नान-दान, यज्ञ-अनुष्ठान आदि कर्मों का फल अक्षय होता है. इस दिन स्वर्ण अथवा कीमती धातु खरीदने पर खरीदने पर वह भी अक्षय हो जाता है. इस तिथि विशेष पर नये व्यवसाय, प्रतिष्ठान, घर की नींव, गृहप्रवेश जैसे शुभ कार्य करें तो उसका फल सर्वोत्तम होने के साथ अक्षय होता है.
स्वर्ण खरीदने का शुभ समय
जैसा कि पूर्व में ही बताया गया है कि अक्षय तृतीया पर सोना चांदी और दूसरे महंगी धातु खरीदने का विधान है. बहुत सारे लोग सुख शांति और समृद्धि के लिए भी सोने अथवा चांदी से बनें माता लक्ष्मी के चरण पादुका घर में लाकर साल भर उसकी पूजा अर्चना करते हैं. यूं तो इस दिन किसी भी समय स्वर्ण अथवा चांदी की खरीदारी की जा सकती है, लेकिन इस दिन भी जो विशेष रूप से शुभ समय बन रहा है, उसके अनुसार दोपहर 12.20 बजे से 2.24 बजे तक.
भाग्योदय की तृतीया
रवींद्र पाण्डेय जी बताते हैं कि कई जगहों पर अक्षय तृतीया को अक्षय तीज के नाम से भी संबोधित किया जाता है. इसे भगवान विष्णु का दिन माना गया है, इसी दिन भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में पृथ्वी पर अवतार लिया था. वेद और पुराणों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन से ही त्रेता युग का आरंभ हुआ था. अक्षय तृतीया को भाग्योदय का सूचक भी माना गया है. इसी वजह से इस दिन बहुतायत घरों में सोना, स्वर्णाभूषण आदि खरीदते हैं, ताकि उनकी समृद्धि कई-कई सालों तक बनी रहे. लोगों की आस्था है कि इस दिन खरीदे गए सोने पर बुरे ग्रहों की दृष्टि नहीं पड़ती और वह सुरक्षित रहता है.