Chandra Grahan/ Lunar Eclipse 2019: इस दिन 149 साल बाद लगेगा दुर्लभ चन्द्र ग्रहण, वर्ष 1870 में बना था ऐसा योग, बरतें ये सावधानियां
16 जुलाई मंगलवार के दिन साल का दूसरा चन्द्र ग्रहण (Chandra Grahan 2019) लगनेवाला है. ये साल का दूसरा और अंतिम चन्द्र ग्रहण होगा. हिन्दू धर्म में ग्रहण को काफी महत्व दिया जाता है. हिंदू पंचांग की मानें तो इस बार चंद्र ग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लग रहा है. इस चंद्रग्रहण को खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है. इस बार ये भारत में भी दिखाई देगा.
16 जुलाई मंगलवार के दिन साल का दूसरा चन्द्र ग्रहण (Chandra Grahan 2019) लगनेवाला है. ये साल का दूसरा और अंतिम चन्द्र ग्रहण होगा. हिन्दू धर्म में ग्रहण को काफी महत्व दिया जाता है. हिंदू पंचांग की मानें तो इस बार चंद्र ग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लग रहा है. इस चंद्रग्रहण को खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है. इस बार ये भारत में भी दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) 16 जुलाई एवं 17 जुलाई की मध्य रात्रि 1 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर सुबह 4.30 बजे तक रहेगा. भारत में चंद्र ग्रहण की अवधि दो घंटे 59 मिनट रहेगी. विद्वानों के अनुसार ऐसा दुर्लभ योग 149 साल बाद लग रहा है. ऐसा योग वर्ष 1870 में बना था. ज्योतिष के अनुसार इस चन्द्र ग्रहण से 12 राशियों पर प्रभाव पड़ सकता है. चन्द्रग्रहण के दौरान सूतक लग जाता है, जिसके बाद कुछ भी खाने पीने की मनाही होती है. इसलिए ग्रहण से पहले ही भोजन कर लेना चाहिए.
चंद्र ग्रहण के दौरान बरतें ये सावधानियां
- चंद्र ग्रहण से पहले ही खाना खा लें.
- चंद्र ग्रहण को खुली आंखों से न देखें, देखने के लिए दूरबीन का इस्तेमाल करें.
- समय किसी भी गरीब व्यक्ति का अपमान न करें नहीं तो खतरनाक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. साथ ही नारियल को बहते जल में प्रवाहित करें, ऐसा करने से राहु का बुरा प्रभाव आपके ऊपर से खत्म हो जाएगा.
- चंद्र ग्रहण के दौरान शमशान से न गुजरे, इस समय बुरी शक्तियां चरम पर होती हैं. गर्भवती महिला घर से न निकलें और न ही अपने ऊपर ग्रहण की छाया पड़ने दें नहीं तो पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान हो सकता है.
- चंद्र ग्रहण के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से भी बचें. इस दौरान हाथ और पैर के नाखून भी न काटें. बाल और दाढ़ी बनवाने से भी बचें.
चंद्र ग्रहण कभी भी किसी के लिए शुभकारी नहीं होता, यही वजह है कि ग्रहण के दरम्यान देश के लगभग सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. मंदिरों में पूजा अर्चना नहीं की जाती. इस दरम्यान कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान वायुमंडल में बैक्टेरिया और संक्रमण तेजी से बढ़ जाता है. ऐसे में खाने में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. यही वजह है की ग्रहण के पहले बना हुआ खाना खाने से मना किया जाता है.