COVID 19: बार-बार क्यों लौट रहा है कोरोना? हेल्थ एक्सपर्ट्स ने बताया क्यों नहीं है चिंता की जरूरत
देशभर में कोरोना के मामले फिर रफ्तार से बढ़ने लगे हैं. हालांकि स्वस्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 अब सामान्य बीमारी बन चुका है और इससे डरने की नहीं, बल्कि समझदारी से सतर्क रहने की जरूरत है.
COVID-19: देशभर में कोरोना के मामले फिर रफ्तार से बढ़ने लगे हैं. हालांकि स्वस्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 अब सामान्य बीमारी बन चुका है और इससे डरने की नहीं, बल्कि समझदारी से सतर्क रहने की जरूरत है. भारत में पिछले कुछ हफ्तों से कोविड के मामलों में फिर से मामूली बढ़ोतरी देखी जा रही है, लेकिन वैज्ञानिक और डॉक्टर यह साफ कर रहे हैं कि यह कोई बड़ी चिंता का विषय नहीं है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 अब हर गुजरते साल के साथ कमजोर होता जा रहा है. यह अब केवल एक सामान्य सांस की बीमारी की तरह व्यवहार कर रहा है.
वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि “कोविड अब फ्लू से भी कम खतरनाक है, और इसे अब विशेष बीमारी की तरह देखने की जरूरत नहीं है.” हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है, “सभी सबवेरिएंट्स में गंभीरता कम है, लेकिन वे तेजी से फैलते हैं. पहले से संक्रमित या वैक्सीन ले चुके लोग गंभीर बीमार नहीं हो रहे.”
COVID-19: कोरोना फिर बढ़ा रहा टेंशन, जानें किन लोगों को है सबसे अधिक खतरा? ऐसे करें बचाव.
मामूली बढ़त का कारण: कमजोर इम्यूनिटी और मौसम
भारत में कोविड मामलों की मामूली वृद्धि के पीछे कारण है कमजोर होती इम्यूनिटी और मौसमी बदलाव. बहुत गर्मी के कारण लोग एयर कंडीशनर वाले कमरों में ज्यादा समय बिता रहे हैं, जिससे वायरस फैलने का खतरा बढ़ता है. विशेष रूप से जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है या पहले से कोई बीमारी है, उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए.
डब्ल्यूएचओ ने खत्म की स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मई 2023 में कोविड-19 को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल से बाहर कर दिया. अब इसे एंडेमिक यानी मौसमी बीमारी की तरह माना जा रहा है, जो किसी विशेष क्षेत्र में सीमित रहती है.
भारत में स्थिति क्या है?
6 जून तक भारत में 5,300 से अधिक एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं, जिसमें पिछले 24 घंटे में लगभग 500 नए केस सामने आए. 4,700 से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं, और जनवरी से अब तक कुल 55 मौतें हुई हैं, जिनमें से ज्यादातर पहले से बीमार थे. केरल में सबसे ज्यादा केस (1,600+) हैं, इसके बाद गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और महाराष्ट्र में मामूली वृद्धि हुई है.
कौन से वेरिएंट हैं सामने?
ओमिक्रॉन के सबवेरिएंट्स – LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 – अभी भारत में पाए जा रहे हैं. JN.1 नवंबर 2023 से देश में मौजूद है. वैज्ञानिक सुबवेरिएंट्स की तेजी से फैलने की क्षमता को मानते हैं, लेकिन उनका कहना है कि “इनमें गंभीरता नहीं है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है.”
एशिया के अन्य देशों में भी बढ़ रहे हैं केस
भारत में केसों की बढ़त अकेले नहीं हो रही है. सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड और हांगकांग जैसे देशों में भी मामलों में उछाल देखा गया है. पुणे में सीवेज वॉटर टेस्टिंग में भी वायरस की उपस्थिति मिली है.
क्या करें आम लोग?
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि “65 साल से ऊपर के लोगों और पहले से बीमार व्यक्तियों को सामान्य सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे कि किसी भी सांस की बीमारी में करते हैं.” स्वस्थ्य विशेषज्ञों ने साफ किया कि जब तक कोई "वेरिएंट ऑफ कंसर्न" (घातक वेरिएंट) नहीं आता, तब तक जनता को घबराने की जरूरत नहीं है. VUM (Variant Under Monitoring) जैसी बातें आम लोगों की नहीं, बल्कि स्वास्थ्य एजेंसियों की चिंता हैं.