क्या मायने हैं रावी नदी का पानी पाकिस्तान जाने से रोकने के
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार ने रावी नदी के पानी को पाकिस्तान की तरफ जाने से पूरी तरह रोक दिया है.
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार ने रावी नदी के पानी को पाकिस्तान की तरफ जाने से पूरी तरह रोक दिया है. आखिर कितनी सच्चाई है इन दावों में? जानिए क्या है पूरा मामला.मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि पंजाब के पठानकोट में शाहपुर कंडी बांध बना कर भारत ने रावी नदी के पानी को पाकिस्तान जाने से पूरी तरह से रोक दिया है. हालांकि भारत सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई घोषणा नहीं की है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बांध के निर्माण को लेकर पंजाब और जम्मू और कश्मीर के बीच विवाद था, लेकिन 2018 में केंद्र सरकार ने मध्यस्थता करा कर दोनों प्रदेशों के बीच समझौता करवा दिया. इसके बाद बांध पर काम शुरू हुआ जो अब जा कर पूरा हुआ है. रावी का वह पानी जो दशकों से पाकिस्तान जा रहा था, अब भारत के इन दोनों प्रदेशों में सिंचाई के काम आएगा.
क्या है मामला
बंटवारे के साथ साथ भारत और पाकिस्तान के बीच नदियों के पानी के बंटवारे की समस्या का एक संधि के जरिए समाधान किया गया, जिसे सिंधु जल संधि या इंडस वॉटर ट्रीटी के नाम से जाना जाता है. दोनों देशों ने नौ साल तक बातचीत करने के बाद विश्व बैंक की निगरानी में इस संधि पर 1960 में हस्ताक्षर किए थे.
संधि के तहत पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चेनाब पर और भारत को पूर्वी नदियों रावी, सतलज और ब्यास पर पूरा अधिकार दिया गया. साथ ही दोनों देशों को एक दूसरे की नदियों के पानी के विशेष इस्तेमाल की भी इजाजत दी गई.
रावी का उदगम हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में है. वह वहां से निकल कर जम्मू और कश्मीर और फिर पंजाब होते हुए पाकिस्तान में प्रवेश करती है और अंत में पाकिस्तान के अहमदपुर सियाल के पास चेनाब नदी में मिल जाती है. इसकी कुल लंबाई करीब 720 किलोमीटर है.
जम्मू और कश्मीर, पंजाब में होगी सिंचाई
शाहपुर कंडी बांध बनाने के पंजाब और जम्मू और कश्मीर की सरकारों के बीच 1979 में ही समझौता हो गया था. लेकिन यह परियोजना दशकों तक विवादों में घिरी रही और इस पर काम आगे नहीं बढ़ पाया.
लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अब यह बांध बन कर तैयार हो चुका है. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब पाकिस्तान की तरफ बह जाने वाले रावी के पानी को भारत में ही रोका जा सकेगा. अब इसके पानी से जम्मू और कश्मीर के कठुआ और सांबा जिले में 32,000 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो पाएगी.
द प्रिंट वेबसाइट के मुताबिक इस बांध के जरिए रावी के पानी से पंजाब में भी 5,000 एकड़ जमीन की सिंचाई की जाएगी. लेकिन नदी के पानी को पूरी तरह से भारत में रोक देने को लेकर अभी ना भारत सरकार ने कोई बयान जारी किया है और ना पाकिस्तान सरकार ने.