सरकार की 17 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं में 1 रुपये का भी भ्रष्टाचार नहीं: नितिन गडकरी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंगलवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में सड़क, पोत परिवहन और जल संसाधन के क्षेत्रों में 17 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को अवार्ड (रिपीट अवार्ड) किया गया, लेकिन एक रुपये का भ्रष्टाचार नहीं हुआ.
नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंगलवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में सड़क, पोत परिवहन और जल संसाधन के क्षेत्रों में 17 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को अवार्ड (रिपीट अवार्ड) किया गया, लेकिन एक रुपये का भ्रष्टाचार नहीं हुआ. लोकसभा में ‘वर्ष 2019-20 के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ पर चर्चा का जवाब देते हुए गडकरी ने यह भी कहा कि ‘भारत माला’ परियोजना के पहले चरण में 24800 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सदन को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जो प्राथमिकता तय की थी उसके बहुत अच्छे नतीजे आए हैं.’’मंत्री ने कहा कि पांच साल में 17 लाख करोड़ रुपये के काम अवार्ड (रिपीट अवार्ड) हुए। इनमें से 11 लाख करोड़ रुपये के काम सड़क क्षेत्र में, छह लाख करोड़ रुपये के काम पोत परिवहन और एक लाख करोड़ रुपये जल संसाधन क्षेत्र में थे. गडकरी ने कहा, ‘‘17 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं अवार्ड (रिपीट अवार्ड) हुईं। एक रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा.कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ। लेकिन अगर कहीं काम सही नहीं हुआ तो हमने जिम्मेदारी तय की.’’ यह भी पढ़े: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बढ़ते सड़क हादसों पर जताई चिंता, कहा- टायरों में सिलिकॉन मिलाने और नाइट्रोजन भरने को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है सरकार
उन्होंने कहा कि राजमार्ग और भवन निर्माण क्षेत्र में प्रगति दोगुनी हो चुकी है। यह बहुत बड़ी प्रगति है.हर परियोजना हमारे लिए प्राथमिकता है। हम उसे पूरा करेंगे।सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि हम 22 ग्रीन एक्सप्रेसवे बना रहे हैं. इनमें से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एक है. मंत्री ने कहा कि भूमि अधिग्रहण थोड़ी समस्या है. ‘‘कई सांसदों ने कुछ मुद्दे उठाए हैं, लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं कि 80 फीसदी भूमि का अधिग्रहण होने तक हम सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं करते हैं।’’उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि सरकार ने पहले से रुकी हुई परियोजनाओं से संबंधित 95 फीसदी समस्याएं खत्म की हैं. इससे बैंकों का तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक एनपीए (गैर निष्पादक संपत्तियां) होने से बचा.