उत्तराखंड वन विभाग द्वारा जिम कॉर्बेट से पहली बाघिन राजाजी नेशनल पार्क में शिफ्ट की गई

उत्तराखंड वन विभाग द्वारा अथक प्रयास के बाद बीते बुधवार को जिम कॉर्बेट से एक बाघिन को रेस्क्यू किया गया. वन विभाग द्वारा रेस्क्यू किए गए इस बाघिन को गुरुवार यानि आज सफलतापूर्वक राजाजी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट कर दिया गया है. बाघिन को वन विभाग की टीम आज सुबह तड़के पांच बजे विशेष वाहन से मोतीचूर लेकर पहुंची.

जिम कॉर्बेट से पहली बाघिन राजाजी नेशनल पार्क शिफ्ट की गई (Photo Credits: Twitter)

देहरादून, 24 दिसंबर: उत्तराखंड वन विभाग द्वारा अथक प्रयास के बाद बीते बुधवार को जिम कॉर्बेट से एक बाघिन (Tigress) को रेस्क्यू किया गया. वन विभाग द्वारा रेस्क्यू किए गए इस बाघिन को गुरुवार यानि आज सफलतापूर्वक राजाजी टाइगर रिजर्व (Rajaji Tiger Reserve) में शिफ्ट कर दिया गया है. बाघिन को वन विभाग (Forest Department) की टीम आज सुबह तड़के पांच बजे विशेष वाहन से मोतीचूर लेकर पहुंची. बाघिन को मौजूदा समय में एक बाड़े में रखा गया है.

वन विभाग के अधिकारी और चिकित्सकों की एक टीम बाघिन पर अपनी पैनी नजर रखे हुए हैं. सुरक्षा के लिहाज से वन विभाग द्वारा बाघिन को रेडियो कॉलर भी लगाया गया है, ताकि तकनीकी रूप से भी उसकी मॉनिटरिंग की जा सके. बाघिन को शिफ्ट करने से पहले मोतीचूर व कांसरों रेंज के वन कर्मियों को पहले से ही अलर्ट पर रखा गया था, ताकि बाद में कोई अन्य समस्या का सामना न करना पड़े.

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बता दें कि केंद्र सरकार ने साल 2016 में राजाजी के पश्चिमी भाग में बाघों को भेजने की परियोजना को मंजूरी दी थी. मौजूदा समय में राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिमी भाग में केवल दो बाघिनों के साथ लगभग 37 बाघ हैं, जो 5 सौ 70 वर्ग किमी में फैला हुआ है.

गौरतलब हो कि राजाजी टाइगर रिजर्व में 83 बाघों की वहन क्षमता है, जो राज्य के वन विभाग द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है. राजाजी टाइगर रिजर्व के पूर्वी और पश्चिमी भाग को एक गलियारे के रूप में बांटा गया है जिससे बाघों के लिए दो भागों के बीच पलायन करना मुश्किल हो.

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