Uttar Pradesh: धान के कटोरे चंदौली में अब हो रही है स्ट्रॉबेरी की खेती, किसानों की चमकी किस्मत
उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले को धान का कटोरा कहा जाता है, यानी यहां धान की खूब खेती होती है, लेकिन अब धान के कटोरे में स्ट्रॉबेरी की भी खेती हो रही है.
चंदौली, 25 मार्च : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चंदौली जिले (Chandauli District) को धान का कटोरा कहा जाता है, यानी यहां धान की खूब खेती होती है, लेकिन अब धान के कटोरे में स्ट्रॉबेरी की भी खेती हो रही है. दरअसल जिले के किसान परंपरागत खेती से हटकर अब आधुनिक खेती भी कर रहे हैं.
स्ट्रॉबेरी की खेती से हुआ अच्छा मुनाफा
चंदौली के किसान अपने नवाचार से जिले को नई पहचान दिला रहे हैं. यहां का काला चावल सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में निर्यात किया जा चुका है. लेकिन अब यहां के किसान चावल के साथ ही नई फसलों का भी उत्पादन करने के लिए आगे आ रहे हैं. कुछ ऐसा किया है जिले के नवही गांव के किसान बलवंत सिंह ने, जो अपने भांजे की प्रगतिशील किसानी से प्रेरित हो कर पहली बार स्ट्रॉबेरी (Strawberry) की खेती कर रहे हैं. तो दूसरी ओर ड्रिप सिंचाई का प्रयोग कर सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर खेती में कम लागत से ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं.
स्ट्रॉबेरी के खेत में अन्य फसलों का भी उत्पादन
बलवंत बताते हैं कि इस बार शुरुआत थी लेकिन अगली बार इसका दायरा और बढ़ा कर खेती करेंगे. इसमें मुनाफा भी अच्छा हुआ है. स्ट्रॉबेरी की खेती में ही तरबूज, खरबूज, शिमला मिर्च आदि भी लगाए हैं. जिससे अन्य फसल भी साथ-साथ में तैयार हो रही हैं. यह भी पढ़ें : Bharat Bandh: किसान संगठनों ने 26 मार्च को सुबह 6 से शाम 6 बजे तक बुलाया भारत बंद, इन चीजों पर पड़ेगा असर
दूसरों को भी कर रहे हैं प्रेरित
बलवंत सिर्फ खुद ही नहीं बल्कि दूसरे को भी स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने गांव में ही नर्सरी भी खोल ली है, जिससे उनकी जहां आय भी बढ़ रही है वहीं दूसरों को पेड़ पौधे लगाने के लिए उपलब्ध करा रहे हैं. आज आलम यह है कि उनके आस-पास के गांव भी इससे लाभान्वित हो रहे हैं.
जाहिर है किसानों द्वारा इस तरह की पहल देश के दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा है. किसान इस तरह के नवाचार कर कृषि में अपनी आय बढ़ा सकते हैं.