उत्तर प्रदेश: ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं को सरल बनाने के लिए नई BC सखी का होगा प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं को सहज बनाने और महिला स्वावलंबन को नई दिशा देने वाली बीसी सखी का प्रशिक्षण 15 दिसंबर से शुरू होगा. प्रशिक्षण पूरा होने के साथ ही प्रदेश को एकमुश्त 58,000 बीसी सखी मिलेंगी. यह 25,000 रुपये तक ओवर ड्राट भी कर सकेंगी. यही नहीं इन्हें ट्रांजेक्शन पर 2 फीसदी कमीशन भी मिलेगा.

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Photo Credits-ANI Twitter)

लखनऊ, 9 दिसंबर: उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं को सहज बनाने और महिला स्वावलंबन को नई दिशा देने वाली बीसी सखी (बिजनेस करेस्पोंडेंट सखी) का प्रशिक्षण 15 दिसंबर से शुरू होगा. प्रशिक्षण पूरा होने के साथ ही प्रदेश को एकमुश्त 58,000 बीसी सखी मिलेंगी. बीसी सखी के प्रशिक्षण, कार्यप्रणाली, ड्रेस, अनुश्रवण आदि की तैयारियों से अवगत होते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीसी सखी, महिलाओं को सशक्त और स्वावलंबी बनाने के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. इसके साथ ही, बैंकिंग सेवाओं के विस्तार और सुगमता के लिहाज से भी यह अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्घ होंगी. योगी ने बीसी सखी के लिए भारतीय परंपरा अनुसार ड्रेस तय करने के भी निर्देश दिए हैं.

अपर मुख्य सचिव, ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह ने बताया कि हर ग्राम पंचायत में एक बीसी सखी नियुक्त करने संबधी मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रदेश भर से आवेदन मंगवाए गए. कुल 2,16,000 आवेदन प्राप्त हुए. कुल 58,532 पंचायतों से आवेदन मिले. विधिवत चयन प्रक्रिया के आधार पर प्रथम चरण में 56,875 आवेदक छांटे गए. इनका प्रशिक्षण 15 दिसंबर से होगा. राज्य निदेशक आरसेटी द्वारा हर जिले में 30-30 के दो बैच हर सप्ताह प्रशिक्षित किए जाएंगे. प्रशिक्षण के बाद आईआईबीएफ द्वारा ऑनलाइन परीक्षा कराई जाएगी.

उन्होंने बताया कि बीसी सखी को एंकर करने के लिए वाणिज्यिक बैंक, करपोरेट बीसी, फिनटेक पेमेंट बैंक को जोड़ा जा रहा है. इसकी प्रक्रिया चल रही है. 34 कंपनियों ने इसमें सहयोग के लिए रुचि दिखाई है. इनके अंतिम चयन की प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी. उन्होंने बताया कि बीसी सखी डेस्कटॉप कम्प्यूटर, लैपटॉप, पीओएस मशीन, कार्ड रीडर, फिंगर प्रिंट रीडर, इंटीग्रेटेड इक्यूपमेंट से लैस होंगी. इसके लिए बीसी सखी को ब्याज रहित ऋण मुहैया कराया जाएगा. बीसी सखी को 4000 रुपये प्रति माह 6 माह तक स्टाइपेंड और 1200 रुपये प्रतिमाह समूह सखी के रूप में काम करने के लिए स्टाइपेंड दिया जाएगा.

यह 25,000 रुपये तक ओवर ड्राट भी कर सकेंगी. यही नहीं इन्हें ट्रांजेक्शन पर 2 फीसदी कमीशन भी मिलेगा. अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास ने बताया कि ऐसी व्यवस्था भी की जा रही है कि मनरेगा मजदूरी, आवास, शौचालय निर्माण का अनुदान आहरण इन्ही के द्वारा सुनिश्चित हो. बीसी सखी के ड्रेस डिजाइन का काम निफ्ट रायबरेली द्वारा किया जा रहा है. ड्रेस डिजाइन का काम वाराणसी, मऊ और मुबारकपुर के बुनकरों द्वारा होगा. प्रत्येक बीसी सखी को प्रथम दो सेट ड्रेस नि:शुल्क मिलेगा.

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