UP: 35 साल की कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद किसान को मिला इंसाफ, कहा- मेरे कंधे से बहुत बड़ा बोझ उतर गया
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo: Pixabay)

शामली (यूपी), 24 दिसम्बर : 85 वर्षीय किसान धर्मपाल सिंह को लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद सबूतों के अभाव में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बरी कर दिया है. अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए उन्हें 400 से अधिक सुनवाई के साथ 35 साल की कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी. उनके घर में अवैध रूप से कीटनाशक बनाने के आरोप में 1986 में उन पर मामला दर्ज किया गया था. शामली जिले के हरान गांव के किसान धर्मपाल सिंह ने अपने बरी होने के बाद कहा, "ऐसा लग रहा है, जैसे मेरे कंधे से बहुत बड़ा बोझ उतर गया हो." उनका भाई कुंवरपाल सह-आरोपी था, लेकिन उनकी पांच साल पहले मौत हो गई थी.

मामले में आरोपी एक अन्य व्यक्ति लियाकत अली को पहले अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था. किसान धर्मपाल सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने लंबी कानूनी लड़ाई के दौरान अपनी प्रतिष्ठा, पैसा और मानसिक शांति खो दी. न्याय पाने में काफी समय लगा, लेकिन अब मुझे खुशी है कि सच्चाई की जीत हुई है. मुझे राहत देने के लिए मैं माननीय अदालत को धन्यवाद देना चाहता हूं. मैंने इस मामले में लगभग 400 सुनवाई में पेश होने के लिए बहुत सारा पैसा और समय बर्बाद किया है." यह भी पढ़ें : जन्म से जुड़े 2 भाईयों की बदली किस्मत, माता-पिता ने छोड़ दिया था, अब पंजाब सरकार ने दी बीजली विभाग में नौकरी

नवंबर 1986 में, थाना भवन पुलिस ने दो भाइयों, धर्मपाल और कुंवरपाल और एक अन्य व्यक्ति लियाकत अली के खिलाफ कथित तौर पर बिना लाइसेंस के कीटनाशक बनाने के लिए मामला दर्ज किया था. पुलिस ने एक ट्रक में लादते समय कीटनाशक के 26 बैग (बोरी) बरामद करने का भी दावा किया था. तीनों पर धारा 420 सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. 18 दिन जेल में बिताने के बाद तीनों को जमानत पर रिहा कर दिया गया था.