Uttar Pradesh: जामुन तोड़ने पर दलित लड़कों की पेड़ से बांधकर की पिटाई
उत्तर प्रदेश में एक बाग के मालिक ने 10 और 11 साल के दो दलित लड़कों को कथित तौर पर एक पेड़ से बांध दिया और घंटों तक बेरहमी से पीटा. क्योंकि उन्होंने उसके बागान से जामुन तोड़े थे. घटना गेहुआ गांव की है.
लखीमपुर, 24 जून : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में एक बाग के मालिक ने 10 और 11 साल के दो दलित लड़कों को कथित तौर पर एक पेड़ से बांध दिया और घंटों तक बेरहमी से पीटा. क्योंकि उन्होंने उसके बागान से जामुन तोड़े थे. घटना गेहुआ गांव की है. जब उनकी माताएं उन्हें ढूंढ़ने गईं तो उन्होंने पाया कि वे अभी भी पेड़ से बंधे हैं और बेहोश हैं. उन्होंने मोहम्मदी पुलिस स्टेशन के कर्मियों को सूचित किया लेकिन बुधवार को सोशल मीडिया पर बच्चों की तस्वीरें साझा किए जाने के बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की.
मुख्य आरोपी कैलाश वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. पुलिस ने बताया कि घटना के वक्त वह नशे में था. अपनी शिकायत में, दोनों लड़कों के परिवारों ने आरोप लगाया कि लड़के एक निजी स्कूल परिसर के एक पेड़ से कुछ जामुन तोड़कर खा रहे थे, जब स्कूल के मालिक 25 वर्षीय कैलाश ने उन्हें पकड़ लिया. उसने लड़कों को पेड़ से बांध दिया और उन्हें जमकर पीटा. नाबालिगों के रोने और बार बार दया की भीख मांगने पर भी उसने बच्चों को नहीं छोड़ा. पवन की मां सरिता देवी ने कहा कि स्कूल में पानी पीने गए कुछ बच्चों ने कैलाश को लड़कों की पिटाई करते देखा और उन्हें इसकी सूचना दी. वह और धीरज की मां मौके पर पहुंची और देखा कैलाश शराब पीए हुए था और दोनों लड़के बेहोश पड़े थे. सरिता देवी ने कहा, "कैलाश के साथ हमारी तीखी बहस हुई और पुलिस को सूचित किया गया. यह भी पढ़ें : South Kashmir: सरेंडर करने से इनकार करने वाला हिजबुल आतंकी मुठभेड़ में ढेर
कैलाश का परिवार अब हमें शिकायत वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हमने मना कर दिया." मोहम्मदी पुलिस स्टेशन के एसएचओ बृजेश त्रिपाठी ने कहा, "हमने आईपीसी की धारा 342 (गलत कारावास), 504 (जानबूझकर अपमान), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और एससी, एसटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. लड़कों को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट का इंतजार है."