अब दाऊद की खैर नहीं, भगोड़े अपराधी को ढूंढने में अमेरिका करेगा मोदी सरकार की मदद
बता दें कि दाऊद 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों का मास्टरमाइंड है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को कई सालों से उसकी तलाश है. माना जा रहा है कि दाऊद कई वर्षों से पाकिस्तान में छिपा है. वो पाकिस्तान से ही अपने गैरकानूनी काम चला रहा है.
नई दिल्ली: फरार अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम जल्द भारत की गिरफ्त में हो सकता है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि भगोड़े दाऊद के खिलाफ कार्रवाई करने में भारत को अमेरिका का भी साथ मिलने वाला है. भारत और अमेरिका के बीच गुरुवार को हुई 2+2 वार्ता के दौरान दाऊद पर कार्रवाई करने को लेकर चर्चा हुई. अमेरिका ने डी-कंपनी और उसके सहयोगियों जैसे आतंकी संगठनों पर एक्शन के लिए प्रतिबद्धता जताई.
बता दें कि दाऊद 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों का मास्टरमाइंड है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को कई सालों से उसकी तलाश है. माना जा रहा है कि दाऊद कई वर्षों से पाकिस्तान में छिपा है. वो पाकिस्तान से ही अपने गैरकानूनी काम चला रहा है.
यह भी पढ़े: छोटा शकील का इकलौता बेटा भी बना मौलाना
बहरहाल, भारत और अमेरिका के बीच हुई 2+2 वार्ता के दौरान पाकिस्तान को ताकीद करते हुए कहा कि वह अपनी धरती का इस्तेमाल सीमापार आतंकी हमलों के लिए नहीं होने दे. साथ ही, पाकिस्तान से पूर्व में आतंकी हमलों के लिए दोषी अपराधियों के खिलाफ जल्द कानून कार्रवाई करने की मांग की गई. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और रक्षामंत्री जिम मैटिस ने यहां टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा, "मंत्रियों ने क्षेत्र में किसी प्रकार के छद्म आतंकी हमले की भर्त्सना की और इस संदर्भ में उन्होंने पाकिस्तान से यह सुनिश्चत करने को कहा कि उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र का इस्तेमाल दूसरे देशों पर आतंकी हमले करने के लिए न हो."