UPI Transaction: त्योहारी मांग और नीतिगत बदलावों ने अगस्त में यूपीआई को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचाया; रिपोर्ट

भारत के रीयल-टाइम डिजिटल पेमेंट सिस्टम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने अगस्त 2025 में 20.01 अरब लेनदेन दर्ज किए, जो मुख्य रूप से त्योहारी मांग, तकनीकी प्रगति और नीतिगत बदलावों के कारण संभव हुआ. यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई इंडिया नैरेटिव में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता खर्च में मौसमी वृद्धि, खासकर त्योहारी मांग की शुरुआत के साथ, अगस्त में यूपीआई लेनदेन में सालाना आधार पर 34 प्रतिशत और मासिक आधार पर लगभग 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

नई दिल्ली, 3 सितंबर : भारत के रीयल-टाइम डिजिटल पेमेंट सिस्टम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने अगस्त 2025 में 20.01 अरब लेनदेन दर्ज किए, जो मुख्य रूप से त्योहारी मांग, तकनीकी प्रगति और नीतिगत बदलावों के कारण संभव हुआ. यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई इंडिया नैरेटिव में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता खर्च में मौसमी वृद्धि, खासकर त्योहारी मांग की शुरुआत के साथ, अगस्त में यूपीआई लेनदेन में सालाना आधार पर 34 प्रतिशत और मासिक आधार पर लगभग 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा, भारत सरकार और आरबीआई ने प्रोत्साहनों, नियामकीय सहायता और यूपीआई क्रेडिट और बेहतर इंटरऑपरेबिलिटी जैसी सुविधाओं के निरंतर विस्तार के माध्यम से यूपीआई को अपनाने को बढ़ावा दिया, जो इस वृद्धि के अहम कारक रहे. अगस्त में, यूपीआई के माध्यम से 24.85 लाख करोड़ रुपए (281 अरब डॉलर) का लेनदेन हुआ, जिसमें औसतन 64.5 करोड़ दैनिक लेनदेन हुए. यह भी पढ़ें : Best And Worst Prisons: कहीं 5-स्टार होटल तो कहीं नर्क से बदतर, तस्वीरों में देखें दुनिया भर की जेलों की चौंकाने वाली हकीकत

एक और पहलू यह है कि भारत में अब 90 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर्स और कम से कम 50 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स हैं, जिससे अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी यूपीआई तक निर्बाध पहुंच संभव हो रही है, जहां डिजिटल पेमेंट तेजी से बढ़ रहे हैं. अगस्त 2025 में फास्टटैग में जुलाई से 3 प्रतिशत की वृद्धि और आधार सक्षम पेमेंट सिस्टम (एईपीएस, 24 प्रतिशत बढ़कर 128.17 मिलियन) में भी वृद्धि देखी गई.

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने फोनपे और गूगल पे जैसे ऐप्स के बीच इंटरऑपरेबिलिटी को सक्षम किया है, जिससे यूपीआई आईडी या क्यूआर कोड का उपयोग कर तत्काल ट्रांसफर संभव हो गया है. उपयोगिताओं, ई-कॉमर्स, परिवहन और छोटे व्यापारियों सहित ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र यूपीआई को स्वीकार कर रहे हैं, जो सूक्ष्म और वृहद दोनों तरह के लेनदेन के लिए इसकी बढ़ती प्रासंगिकता को दर्शाता है.

सरकार की डिजिटल इंडिया पहल ने आरबीआई के नियामक समर्थन के साथ कम मूल्य के भुगतान और क्रेडिट इंटीग्रेशन के लिए यूपीआई लाइट की शुरुआत की, जिससे उपयोग के मामले व्यापक हुए. यूपीआई अब भारत में सभी डिजिटल लेनदेन का 85 प्रतिशत और वैश्विक स्तर पर लगभग आधे रीयल-टाइम पेमेंट की हिस्सेदारी रखता है. 2025 में फ्रांस सहित सात देशों में यूपीआई का लाइव रोलआउट इसके अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और स्वीकार्यता को दर्शाता है.

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