UP Shocker: अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान मां-बेटी की जलकर मौत
fire

कानपुर देहात, 14 फरवरी : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर देहात जिले के एक गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान 45 वर्षीय महिला प्रमिला और उसकी 20 वर्षीय बेटी नेहा की आग से जलकर मौत हो गई. मामले में जहां पुलिस ने कहा कि महिलाओं ने खुद आग लगा ली, वहीं परिजनों ने आरोप लगाया कि जब महिलाएं अंदर थीं, तो पुलिस वालों ने झोपड़ी में आग लगा दी. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना सोमवार देर शाम जिले के रूरा क्षेत्र के मडौली गांव में हुई, जहां पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व अधिकारी सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने गए थे.

ग्रामीणों ने कहा कि अधिकारी बुलडोजर लेकर पहुंचे और उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई. शिवम दीक्षित ने कहा, जब लोग अंदर थे तब उन्होंने आग लगा दी. हम भागने में सफल रहे. उन्होंने हमारे मंदिर को तोड़ दिया. किसी ने कुछ नहीं किया, जिलाधिकारी ने भी नहीं. हर कोई भागा, कोई मेरी मां को नहीं बचा सका. पुलिस ने हालांकि कहा कि प्रमिला दीक्षित और उनकी बेटी नेहा ने खुद ही आग लगा ली. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि रूरा स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) दिनेश गौतम और प्रमिला के पति गेंदन लाल भी महिलाओं को बचाने की कोशिश में झुलस गए. यह भी पढ़ें : लोगों के प्रति जवाबदेह हूं, केंद्र के नियुक्त किए व्यक्ति के लिए नहीं: पंजाब के सीएम भगवंत मान

इस बीच, पुलिस अधीक्षक (एसपी) बीबीजीटीएस मूर्ति ने कहा, महिला और उसकी बेटी ने खुद को झोपड़ी के अंदर बंद कर लिया और आग लगा ली, जिससे उनकी मौत हो गई. हम जांच करेंगे और अगर कोई गलत काम हुआ है, तो हम अपराधी को नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा, जब भी कोई अतिक्रमण विरोधी अभियान होता है, एक वीडियो शूट किया जाता है. हमने वीडियो मांगा है और इसकी जांच करेंगे. इस बीच, गांव में तनाव व्याप्त है और पुलिस पर पथराव की घटनाएं भी सामने आई हैं. ग्रामीण कथित हत्या के आरोप में अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (मैथा) ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल सिंह और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग कर रहे हैं.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानपुर जोन) आलोक सिंह ने मंडलायुक्त राज शेखर के साथ भीड़ को शांत करने के लिए गांव का दौरा किया और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है. समाजवादी पार्टी ने महिलाओं की मौत के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया, योगी (आदित्यनाथ) सरकार में ब्राह्मण परिवारों को निशाना बनाया जाता है और ऐसी घटनाएं चुनिंदा तरीके से हो रही हैं. दलितों और पिछड़ों की तरह ब्राह्मण भी योगी सरकार के अत्याचार का निशाना हैं.