UP विधानसभा में पास हुआ जबरन धर्म बदलने के खिलाफ कानून, इतने साल की सजा का है प्रावधान
यूपी विधानसभा में पास हुआ योगी सरकार का धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, इतने साल की सजा का है प्रावधान
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार का 18 फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. यूपी सरकार का आज बजट सत्र का सांतवा दिन था. आज के दिन सदन में चले कार्यवाही के दौरान उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 (Uttar Pradesh Prohibition of Unlawful Religious Conversion Bill-2021) को यूपी विधानसभा से ध्वनिमत से पारित हुआ. इस विधेयक में दस साल की सजा का प्रावधान के साथ जुर्माना भी है.
इस विधेयक में गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने या धर्म छिपाकर शादी करने के मामले में सख्त सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही दो धर्मों के लोगों के बीच होने वाली शादी के लिए दो महीने पहले नोटिस देना होगा. स्थानीय जिलाधिकारी ऐसे मामलों में अनुमति देंगे. नाम और धर्म छिपाकर शादी करने, सामूहिक रूप से अवैध धर्मांतरण पर 10 साल तक की जेल होगी. इसके साथ ही 15000 से 50000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. Uttar Pradesh: ‘लव जिहाद’ कानून के तहत यूपी के बरेली में पहला केस दर्ज
वहीं विधेयक का विरोध करते हुये कांग्रेस की नेता अराधना मिश्रा ने कहा, ‘‘संविधान हमें निजता का अधिकार देता है, शादी विवाह किसी भी व्यक्ति का निजी मामला है और यदि कोई जोर जबरदस्ती नही है तो राज्य का उसमें हस्तक्षेप करना संविधान के विरूध्द है ’’वहीं बहुजन समाज पार्टी के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि यह विधेयक संविधान विरोधी है. उन्होंने कहा कि इसे सरकार वापस ले या इसे प्रवर समीति के पास विचार विमर्श के लिये भेजे.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण कानून पहले ही बन चुका है. लेकिन पहले अध्यादेश लाकर बिल को मंजूरी दी गई और फिर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की सहमति के बाद इसे कानून बना दिया गया. लेकिन, अध्यादेश के नियमों के तहत सरकार को 6 महीने के सदन में बिल पेश कर प्रस्ताव पास कराना होता है. जो आज सदन में यह विधेयक को ध्वनिमत से पारित हुआ.