लखनऊ, 11 मार्च: उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना मरीजों के बीच आज पूरे राज्य में मॉकड्रिल आयोजित की गई. इस दौरान मंत्री से लेकर सारे अधिकारियों ने विभिन्न जिलों में अस्पतालों की व्यवस्था का निरीक्षण किया. कोविड मरीजों के इलाज का प्रबंध जांचने के लिए लखनऊ के अस्पतालों में मॉकड्रिल हुई. बलरामपुर अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखने के लिए खुद डिप्टी सीएम मौके पर पहुंचे. डमी मरीज को भर्ती कराने की प्रक्रिया डिप्टी सीएम ने देखी. इंतजामों की तारीफ की. यह भी पढ़ें: Tamil Nadu: स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यन बताया कि कोविड-19 वैरिएंट जानलेवा नहीं, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं
बलरामपुर अस्पताल में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पहुंचे. उन्होंने देखा पीपीई किट में डॉक्टर-कर्मचारी डमी मरीज को स्ट्रेचर से सुपर स्पेशयालिटी ब्लॉक ले जा रहे हैं. सबसे पहले सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में स्ट्रेचर पर लेटे मरीज का पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन के स्तर की जांच हुई. फिर शरीर का तापमान मापा गया। डॉक्टरों ने डमी मरीज की हालत गंभीर बताई. मरीज को वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत बताई. डॉक्टरों ने तुरंत मरीज को वेंटिलेटर पर रखा.
मरीज को वार्ड में लाने से लेकर वेंटिलेटर पर रखने की प्रक्रिया में पांच से सात मिनट का समय लगा. तत्काल इलाज मिला. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अस्पताल के निदेशक डॉ. रमेश गोयल और सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता से इलाज की व्यवस्थाओं के बारे में पूछा. ऑक्सीजन की आपूर्ति व खपत के बारे में जानकारी हासिल की. अस्पताल की व्यवस्थाओं की डिप्टी सीएम ने तारीफ की.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश के कई अस्पतालों में मॉकड्रिल हुई है। लखनऊ में करीब दस अस्पतालों में कोविड मरीज की भर्ती की व्यवस्था का अभ्यास किया गया. सभी अस्पतालों में तैयारियां पुख्ता मिलीं. कोविड से मुकाबले के लिए अस्पताल सक्ष्म हैं. दवा से लेकर ऑक्सीजन तक के प्रबंध ठीक मिले. उन्होंने कहा कि डॉक्टर-कर्मचारी मरीजों की सेवा में डटे हैं.
उधर प्रयाग में कोरोना की स्थितियों को देखते हुए स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय और बेली अस्पताल में तैयारियों का मॉक ड्रिल हुआ. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ आलोक कुमार ने एसआरएन हॉस्पिटल में सभी ऑक्सीजन प्लांट, वहां से ऑक्सीजन की सप्लाई की स्थिति और प्रेशर को देखा.