लखनऊ, 24 फरवरी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष आज उनके सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में जनपद वाराणसी, मुरादाबाद, हापुड़, रायबरेली, बरेली और लखनऊ की महायोजना 2031 का प्रस्तुतिकरण किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि महायोजना लागू करने में अब देर न हो. स्थानीय जनप्रतिनिधियों व वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद कर इसे यथाशीघ्र लागू करें. बहुत से गांव अब नगरीय महायोजना का हिस्सा बने हैं, यह ध्यान रखें कि इन गांवों को ग्रीन लैंड के रूप में घोषित न किया जाए. आबादी की भूमि ग्रीन लैंड नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि स्टेट कैपिटल रीजन की तर्ज पर वाराणसी को केंद्र में रखते हुए सीमावर्ती जनपदों को जोड़कर एक रीजनल डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाना आवश्यक है. इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत करें. यह भी पढ़ें : Thane Oil Leak Accident: ठाणे के घोड़बंदर मानपाड़ा ब्रिज पर हादसा, टैंकर से तेल लीक होकर सड़क पर गिरने से 4 लोग जख्मी, देखें वीडियो
योगी ने कहा कि मुरादाबाद (गजरौला) के नए मास्टर प्लान में औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्रों को और विस्तार दें. यहां बहुत संभावनाएं हैं. इसका समुचित उपयोग किया जाना चाहिए. इससे आर्थिकी में सुधार होगा और रोजगार भी सृजित होगा. गजरौला में नवीन बस टर्मिनल और बाईपास मार्गों की आवश्यकता है. इसे महायोजना में शामिल करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा को पूरे लखनऊ जनपद तक विस्तार दिया जाए. इसके अतिरिक्त, स्टेट कैपिटल रीजन डवलपमेंट अथॉरिटी का गठन हो रहा है. इन प्रयासों से राज्य के राजधानी क्षेत्र में सुनियोजित और सुस्थिर विकास की गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि लैंड यूज के बारे में जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए, ताकि हर कोई आसानी से किसी भूमि की स्थिति जान सके. हर खसरे के बारे में अपडेट जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सभी जनपदों की वर्तमान स्थिति तथा भविष्य की आवश्यकताओं का व्यापक अध्ययन होना चाहिए. वहां के पोटेंशियल को देखें. हर जनपद में कुछ न कुछ खास है, उसे प्रोत्साहित करें. महायोजना में इसका ध्यान रखा जाए. स्थानीय शिल्पकला और परंपरागत उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए क्लस्टर विकसित किया जाए. आईटीआई की स्थापना के लिए इण्डस्ट्रियल एरिया में स्थान दें. इससे युवाओं को व्यावहारिक ज्ञान पाने में अधिक सहजता होगी.
योगी ने कहा कि विकास प्राधिकरणों को नई संभावनाएं तलाशनी होंगी. नगर निगम के बाहर विस्तार लेना होगा. इंडस्ट्रियल एरिया में काम करने वाले श्रमिकों को समीप में ही अवासीय सुविधा भी उपलब्ध कराने के प्रयास होने चाहिए. उन्होंने कहा कि नगरों में यातायात प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है. हमें इसके लिए ठोस प्रयास की आवश्यकता है. टैक्सी-ऑटो स्टैंड और स्ट्रीट वेंडर ज़ोन तय होने चाहिए. महायोजना में इसके लिए भूमि चिन्हित होनी चाहिए. रायबरेली में एम्स की सुविधा है. इसे इस बार महायोजना का हिस्सा बनाएं.